गौरतलब हो कि बीते एक साल से विभिन्न कारणों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन
के लाभार्थियों को पेंशन की राशि का भुगतान नहीं कर रहा था. हाल के दिनों
में पेंशनधारियों के लिए में राशि भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू की गई.
लेकिन अभी भी लगभग 25 से 30 प्रतिशत लाभुकों के खाते में राशि नहीं भेजी जा
सकी है.
वैसे लाभार्थी कार्यालयों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. जो अब ग्राम पंचायत के मुखिया को भुगतान में विलंब के लिए कोस रहे हैं.
वैसे लाभार्थी कार्यालयों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. जो अब ग्राम पंचायत के मुखिया को भुगतान में विलंब के लिए कोस रहे हैं.
सुपौल : विभागीय उदासीनता केकारण स्थानीय टीसी उच्च माध्यमिक
विद्यालय में आईसीटी स्कूल स्कीम के तहत छात्रों को प्रशिक्षित किये
प्रशिक्षकों के मानदेय भुगतान में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले
में कंप्यूटर शिक्षक रुपेश कुमार सिन्हा ने बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना
निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पर गलत कार्यावधि को आधार बना कर भुगतान
किये जाने का आरोप लगाया है. श्री सिन्हा ने बताया कि आधारभूत संरचना निगम
द्वारा छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु अनुबंध के आधार
पर स्थानीय टीसी उच्च माध्यमिक विद्यालय में छह अगस्त 2011 को योगदान कराया
गया.
जहां उन्होंने 27 नवंबर 2012 तक छात्रों को प्रशिक्षित किया. जिसमें
उनका कार्यावधि एक वर्ष तीन माह 21 दिन का है. बताया कि विद्यालय प्रबंधन
द्वारा जारी किये गये प्रमाण पत्र में भी यह तथ्य स्पष्ट रूप से अंकित है.
छात्रों को तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने की गरज से कई वर्ष पर जिले के कई
विद्यालयों को कंप्यूटर से लैस कर अनुबंध के आधार पर शिक्षकों का पदस्थापन
कराया गया था. अनुबंध समाप्त होते ही विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को
बंद करा दिया गया.
जहां बिहार माध्यमिक कंप्यूटर एसोसिएशन एवं अन्य बनाम राज्य सरकार व
अन्य से संबंधित अवमाननावाद संख्या 5102/2012 में न्यायालय द्वारा कंप्यूटर
शिक्षकों को भुगतान दिये जाने का आदेश दिया गया था. न्यायालय के
आदेशानुसार शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के ज्ञापांक -11/मु1-
खंड-1-3/2012-2070 द्वारा आदेश जारी किया गया. साथ ही संबंधित शिक्षकों के
नाम व कार्यावधि भी जारी किया गया. विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार श्री
िसन्हा के कार्य की अवधि में एक वर्ष की गड़बड़ी कर दी गयी है.