सीतामढ़ी। निगरानी विभाग ने फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी
है। जांच के दौरान प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद निगरानी
विभाग के इंस्पेक्टर ने तीन फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
कराने का निर्देश नोडल पदाधिकारी को दिया है।
इनमें रुन्नीसैदपुर प्रखंड के मवि प्रेमनगर के शिक्षक कामेश्वर मंडल, बैरगनिया के प्राथमिक विद्यालय चकवा पुर्नवास धुनिया फकीर टोला की शिक्षिका शनाख्ता प्रवीण एवं प्राथमिक विद्यालय महादेव बलुआ टोल की शिक्षिका कुमारी रीना शामिल है। जानकारी के अनुसार मवि प्रेमनगर के शिक्षक कामेश्वर मंडल ने नियोजन के दौरान एचएसइपी दिल्ली से निर्गत इंटर का अंक पत्र शामिल कराया था। अंक के आधार पर मेधा अंक में इनका प्रतिशत 78 अंकित किया गया। मेधा अंक के आधार पर इनका नियोजन भी किया गया। जब जांच का मामला आया तो नियोजन इकाई की मिलीभगत से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से निर्गत अंक पत्र संलग्न किया गया। जिसमें मेधा अंक मात्र 54.22 प्रतिशत ही पाया गया। जांच के क्रम में निगरानी की टीम ने जब मेधा सूची और उपलब्ध प्रमाण पत्रों का मिलान किया तो यह अनियमितता सामने आई। जबकि नियोजन का अंतिम मेधा अंक प्रतिशत 70 था। इसी प्रकार शिक्षिका शनाख्ता प्रवीण द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्रों को अवलोकन करने पर पाया किया वह वर्ष 2006 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से इंटर की परीक्षा उतीर्ण की है और इसी वर्ष मौलवी की परीक्षा भी उतीर्ण की है। जबकि दोनों परीक्षा नियमित छात्रा के रूप में उतीर्ण की है। वहीं प्राथमिक विद्यालय महादेव बलुआ टोल की शिक्षिका द्वारा उपलब्ध कराए प्रमाण पत्र में मेधा अंक 44.5 फीसद बताया गया है। जबकि नियोजन में कम से कम इंटर की परीक्षा में 45 फीसद अंक अनिवार्य था। निर्धारित अंक से कम होने के बावजूद इनका नियोजन किया गया जो अवैध है। मामले को लेकर निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर प्रभात कुमार शर्मा ने नोडल पदाधिकारी को पत्र भेजकर संबंधित नियोजन इकाई द्वारा उक्त शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा की है। साथ ही सात दिनों के भीतर कृत कार्रवाई से अवगत कराने की बात कही है।
इनमें रुन्नीसैदपुर प्रखंड के मवि प्रेमनगर के शिक्षक कामेश्वर मंडल, बैरगनिया के प्राथमिक विद्यालय चकवा पुर्नवास धुनिया फकीर टोला की शिक्षिका शनाख्ता प्रवीण एवं प्राथमिक विद्यालय महादेव बलुआ टोल की शिक्षिका कुमारी रीना शामिल है। जानकारी के अनुसार मवि प्रेमनगर के शिक्षक कामेश्वर मंडल ने नियोजन के दौरान एचएसइपी दिल्ली से निर्गत इंटर का अंक पत्र शामिल कराया था। अंक के आधार पर मेधा अंक में इनका प्रतिशत 78 अंकित किया गया। मेधा अंक के आधार पर इनका नियोजन भी किया गया। जब जांच का मामला आया तो नियोजन इकाई की मिलीभगत से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से निर्गत अंक पत्र संलग्न किया गया। जिसमें मेधा अंक मात्र 54.22 प्रतिशत ही पाया गया। जांच के क्रम में निगरानी की टीम ने जब मेधा सूची और उपलब्ध प्रमाण पत्रों का मिलान किया तो यह अनियमितता सामने आई। जबकि नियोजन का अंतिम मेधा अंक प्रतिशत 70 था। इसी प्रकार शिक्षिका शनाख्ता प्रवीण द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्रों को अवलोकन करने पर पाया किया वह वर्ष 2006 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से इंटर की परीक्षा उतीर्ण की है और इसी वर्ष मौलवी की परीक्षा भी उतीर्ण की है। जबकि दोनों परीक्षा नियमित छात्रा के रूप में उतीर्ण की है। वहीं प्राथमिक विद्यालय महादेव बलुआ टोल की शिक्षिका द्वारा उपलब्ध कराए प्रमाण पत्र में मेधा अंक 44.5 फीसद बताया गया है। जबकि नियोजन में कम से कम इंटर की परीक्षा में 45 फीसद अंक अनिवार्य था। निर्धारित अंक से कम होने के बावजूद इनका नियोजन किया गया जो अवैध है। मामले को लेकर निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर प्रभात कुमार शर्मा ने नोडल पदाधिकारी को पत्र भेजकर संबंधित नियोजन इकाई द्वारा उक्त शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा की है। साथ ही सात दिनों के भीतर कृत कार्रवाई से अवगत कराने की बात कही है।