बोचहां : आपदा
प्रबंधन गुरुजी बनाने का एक साल से चल रहे खेल का परदाफाश उस समय हो गया,
जब उनसर हाइ स्कूल परिसर में सर्वव्यापी जन सहयोग शिक्षा सेवा संस्थान की
ओर से आपदा प्रबंधन शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था. आपदा गुरुजी की
ट्रेनिंग लेने पहुंचे सैकड़ों युवकों ने संस्थान पर ठगी का आरोप लगाते हुए
हंगामा करना शुरू कर दिया.
आक्रोशित युवकों का कहना था कि विद्यालयों में आपदा प्रबंधन शिक्षक
की बहाली के नाम पर पंद्रह से 60 हजार तक की वसूली कर ली गयी. हंगामे की
सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने एक बिचौलिये अमोद कुमार को मौके पर ही पकड़
लिया. इस मामले में पांच बिचौलियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यहां बता
दें कि आपदा गुरुजी बनाने के नाम पर चल रहे खेल का सबसे पहले खुलासा
प्रभात खबर ने जुलाई, 2015 में किया था. खबर छपने पर तत्कालीन जिलाधिकारी
ने आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता को जांच के आदेश दिये थे. जिला शिक्षा
पदाधिकारी ने आपदा शिक्षक बहाली के संबंध में किसी तरह के विभागीय निर्देश
नहीं मिलने की बात कही थी.
ऐसे हुआ ठगी का खुलासा . संस्थान की प्रदेश संयोजक किरण जायसवाल,
प्रदेश सचिव गुलाब कुरैशी, क्षेत्रीय प्रभारी विकास कुमार, जिला संचालक
नूनू ठाकुर, प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक एके झा प्रशिक्षण देने पहुंचे थे.
यहां करीब चार सौ लोगों का प्रशिक्षण होना था.
प्रशिक्षण शुरू होते ही लोगों ने ठगी का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर
दिया. प्रशिक्षणार्थियों का कहना था कि बोचहां के हमीदपुर निवासी शंभु राम
व रंजन कुमार, औराई के वसंत निवासी मुकेश कुमार, हथौड़ी के इटवा निवासी
राजा राय व कटरा के मधेपुरा निवासी रंजीत सहनी ने स्कूलों में सर्वव्यापी
जन सहयोग शिक्षा सेवा संस्थान, बिहार के तहत आपदा प्रबंधन शिक्षक के पद
पर बहाली का झांसा दिया था. किसी युवक से 15 तो किसी से 60 हजार तक की
वसूली कर ली. सभी को विभिन्न विद्यालयों में योगदान का पत्र भी दे दिया.
आश्वासन दिया गया कि प्रति महीने छह हजार रुपये मिलेंगे. जल्द ही नौकरी
स्थायी हो जायेगी. पत्र लेकर जब अभ्यर्थी विद्यालयों में गये, तो वहां
योगदान नहीं लिया गया. जब इसकी जानकारी पैसे लेने वाले को दी गयी तो उन
लोगों ने मौखिक तौर पर कह कर कुछ युवक-युवतियों को विद्यालयों में रखवा
दिया. इस क्रम में एक वर्ष बीत गये, जिनका योगदान विद्यालयों में हुआ
उन्हें कोई लाभ नहीं मिला.
फर्जी विभागीय पत्र दिखा ठगी
आपदा प्रबंधन शिक्षक के नाम पर बहाली के लिए चलाये जा रहे रैकेट का
खुलासा प्रभात खबर ने आपदा विभाग फर्जी विभागीय पत्र के आधार पर किया था.
दरअसल शिकायकर्ता को जो पत्र दिखा कर बहाली के लिए पैसा ऐंठा जा रहा था, यह
पत्र फर्जी था. विभाग की जारी उस पत्र की प्रतिलिपि न तो आपदा प्रशाखा के
पास था, और न ही शिक्षा कार्यालय को बहाली की सूचना थी. जब ठगी के शिकार
युवक आपदा कार्यालय से संपर्क किया तो मामला सामने आ गया.
एक वर्ष पहले का दे रहे थे प्रमाण पत्र
इस मामले में प्रशिक्षण देने वाला संस्थान भी संदेह के घेरे में आ गया
है. एक वर्ष बाद आज प्रमाणपत्र दिया जा रहा था. उन पर 25 दिसंबर, 2015 की
तिथि दर्ज है. पुलिस ने सभी को जब्त कर लिया है. उनमें से कुछ प्रमाण
पत्रों पर नाम लिखा हुआ है. शेष खाली हैं. इतने दिनों बाद प्रमाणपत्र देने
के औचित्य पर सवाल उठने लगे हैं. इस बाबत संस्थान के सचिव ने कुछ भी कहने
से इनकार कर दिया.
थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार रंजन ने कहा कि इतने लोगों से पैसे की ठगी की
गयी है. मामला काफी गंभीर है. पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
संस्थान के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. जिसकी संलिप्तता होगी, उन पर
कार्रवाई की जायेगी.
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