पटना : भारतीय जनता
पार्टी (भाजपा) ने बिहार की नीतीश सरकार पर आज आरोप लगाया कि केंद्र से
पर्याप्त राशि मिलने के बावजूद राज्य सरकार की लापरवाही के कारण करीब चार
लाख शिक्षकों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिल पाया है।
बिहार विधानसभा लोक लेखा समिति के सभापति एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि बिहार सरकार की लापरवाही के कारण राज्य के लगभग चार लाख शिक्षकों को पिछले तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है जबकि इसके लिए केंद्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत 800 करोड़ रुपए बिहार को दिए हैं।
यादव ने कहा कि राशि का आवंटन होने के बावजूद कई विश्वविद्यालयों में शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मियों को वेतन नहीं मिल पाया है। राज्य के कसबाई क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगाने वाले शिक्षकों के लिए केंद्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए 10,500 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है और इस मद में 800 करोड़ रुपए बिहार को दे भी दिया लेकिन सरकार की लचर कार्यपद्धति और विभाग की उदासीनता के कारण चार लाख शिक्षक पांच माह से वेतन से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि कई जिलों में तो शिक्षकों को पिछले वर्ष नवबर से ही वेतन नहीं मिला है।
भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा
के बारे में बातें तो बड़ी-बड़ी करती है लेकिन शिक्षकों के परिजनों की माली
हालत से पूरी तरह विमुख है। वेतन के अभाव में नियोजित शिक्षकों को अब
दुकानदारों ने भी उधार में राशन देना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि
शिक्षकों के बच्चों के नाम स्कूलों से कटने की स्थिति में है तो बुजुर्गों
को समुचित इलाज नहीं करा पा रहे हैं।