राजेश
तिवारी, बक्सर : एक तरफ नियोजित शिक्षक अपने वेतनमान को लेकर परेशान हैं,
तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने गुरुजी की असलियत जानने की ठान ली है। कोर्ट ने
निगरानी विभाग को वर्ष 2006 से अब तक के नियोजित शिक्षकों का सर्टिफिकेट
जांचने की जिम्मेवारी सौंप दी है। यह जगजाहिर है कि बक्सर जिले में नियोजित
शिक्षकों की बहाली में फर्जीवाड़ा जमकर हुआ है। ऐसे में नकली शिक्षकों में
हड़कंप की स्थिति व्याप्त है।
जिला में डीपीओ, प्रखंड में बीईओ नोडल पदा.
हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रधान सचिव आर के महाजन ने निगरानी विभाग को
जांच में सहयोग करने के लिए जिला कार्यक्रम स्तर के पदाधिकारियों को नोडल
पदाधिकारी बनाया है। जबकि, प्रखंड में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को इसकी
जिम्मेवारी दी गयी है।
कहां-कहां हुई है गड़बड़ी
सूत्रों की मानें तो नियोजित शिक्षकों के नियोजन में एक तरफ जहां
सर्टिफिकेटों में नंबर बढ़वाने का खेल हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ निवास आदि
प्रमाणपत्रों को बनाने में भी हेराफेरी की गयी है। अगर इनकी विस्तृत जांच
हो जाये तो कई नियोजन इकाइयां सवालों के घेरे में आ जायेंगी।
नंबर एक, नाम अनेक
प्रमाणपत्रों में नंबर का यह खेल ऐसा हुआ है कि एक सर्टिफिकेट पर अंकित
नंबर पर कई नाम के शिक्षक काम कर रहे हैं। मसलन, 90 प्रतिशत के किसी एक
सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अलग-अलग नाम से हुआ है। गहनता से जांच की जाये तो
इसका भी खुलासा हो सकता है।
ऐसे करनी होगी जांच
नियोजित शिक्षकों की बहाली में जिस तरह का खेल हुआ है, उसमें
प्रमाणपत्रों की केवल जांच करने से नहीं होगा। क्योंकि, बहाली के बाद
शिक्षक अब जांच के लिए असली प्रमाणपत्र दे रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि उसकी
जांच तब के मेधा सूची से मिलाकर की जाये। तब पता चलेगा कि असली सर्टिफिकेट
में चालीस प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले गुरुजी का मेधा सूची में नब्बे
प्रतिशत अंक कैसे दिखाया गया है।
बयान :
नियोजित शिक्षकों के सभी तरह के सर्टिफिकेटों की जांच की जानी है। इसका
शुरूआती चरण प्रारंभ किया है। प्रखंडों में बीईओ को इसकी जिम्मेवारी सौंपी
गयी है। जांच में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जायेगी।
सच्चिदानंद प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बक्सर।
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राजेश तिवारी, बक्सर : एक तरफ नियोजित शिक्षक अपने वेतनमान को लेकर परेशान हैं, तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने गुरुजी की असलियत जानने की ठान ली है। कोर्ट ने निगरानी विभाग को वर्ष 2006 से अब तक के नियोजित शिक्षकों का सर्टिफिकेट जांचने की जिम्मेवारी सौंप दी है। यह जगजाहिर है कि बक्सर जिले में नियोजित शिक्षकों की बहाली में फर्जीवाड़ा जमकर हुआ है। ऐसे में नकली शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति व्याप्त है। जिला में डीपीओ, प्रखंड में बीईओ नोडल पदा.
हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रधान सचिव आर के महाजन ने निगरानी विभाग को जांच में सहयोग करने के लिए जिला कार्यक्रम स्तर के पदाधिकारियों को नोडल पदाधिकारी बनाया है। जबकि, प्रखंड में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है।