जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के सुर में सुर मिलाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि नियोजित शिक्षक नियमित शिक्षकों के समान नहीं है। नियोजित शिक्षकों को प्रतियोगी परीक्षा के बाद मेरिट के आधार पर भर्ती किये गए नियमित शिक्षकों के बराबर नहीं माना जा सकता।