भागलपुर । राज्य सरकार के पास उच्च शिक्षा के विकास का रोडमैप नहीं है।
इस कारण यहां की शिक्षण व्यवस्था चरमरा गई है। शिक्षक संघ में राजनीतिक
दलों के हस्तक्षेप से हमारी एकता खतरे में पड़ गई है। अपने अधिकार के लिए
हमें फिर से एकजुट होने की जरूरत है।
ये बातें फुस्टाव के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामजतन सिन्हा ने कही। वे गुरुवार को टीएनबी कॉलेज में बिहार में उच्चतर शिक्षा : दशा और दिशा विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए संघ ने बहुत संघर्ष किया है। उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए पहले सीएम से लगातार वार्ता होती थी। पर पिछले दस साल से बातचीत नहीं हो रही है। सरकार को समझना होगा कि विश्वविद्यालय से ही देश और छात्रों का भविष्य जुड़ा है। इसकी अनदेखी राष्ट्र की अनदेखी है।
दिल्ली में बैठे तथाकथित विद्वानों ने देश में सेमेस्टर सिस्टम को लागू कर दिया है। पर इससे शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है।
टीएनबी में मात्र 44 शिक्षक
टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरपीसी वर्मा ने कहा कि शिक्षक एकजुट नहीं हैं इसलिए उनका शोषण हो रहा है। सरकार की सेवा शर्त में भी ह्रास हो रहा है। हमारे यहां के चपरासी का वेतन अतिथि शिक्षकों से ज्यादा है। टीएनबी में दो साल पहले 136 शिक्षक थे पर अब मात्र 44 रह गए हैं।
भुस्टा के संयुक्त सचिव डॉ. शंभू प्रसाद सिंह ने कहा कि तेरह साल तक संगठन आंदोलन के लिए सड़क पर था। इस वजह से इस तरह के आयोजन नहीं हो पा रहे थे। टीएमबीयू के कुलपति से हमारी मांग है जिन शिक्षकों को अब तक प्रमोशन नहीं मिला है उन्हें जल्द से जल्द प्रमोशन दें। शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकार की चाल बेहद सुस्त है। इसका प्रतिकूल प्रभाव विवि की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है। संगठन अब सातवें वेतनमान को लेकर आंदोलन करेगा ।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके राय ने कहा कि समाज में शिक्षकों का सम्मान गिर रहा है। इसे वापस प्राप्त करना होगा। इसके लिए जो भी कार्य करने होंगे किए जाएंगे।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि शिक्षक और समाज एक दूसरे से दूर हो रहा है। शिक्षा के स्तर में भी गिरावट आ रही है। गुणात्मक शिक्षा के लिए हमें अपनी परंपरा को तोड़कर कार्य करना होगा।
तिलकामांझी भागलपुर विवि के कुलपति डॉ. नलिनी कांत झा ने कहा कि प्रमोशन का मामला काफी हद तक निपटा दिया गया है। बचे शिक्षकों के प्रमोशन के राजभवन के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी जल्द दूर हो जाएगी। कुछ शिक्षकों के नाम की स्क्रूटनी विवि में चल रही है।
शिक्षकों को अपनी समस्या को लेकर हमारे पास आने की जरूरत नहीं है। वे सिर्फ फोन करें हम खुद उनके पास जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। कुलपति से पहले मैं शिक्षक हूं। अपने दायित्वों को बेहतर तरीके से करना जानता हूं।
इन्होंने भी किया संबोधित
सेमिनार में टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो. रामजतन प्रसाद, प्रो. मिहिर मोहन मिश्रा, प्रो. अवधेष कुमार शर्मा, डॉ. मनोज कुमार समेत दर्जनों शिक्षकों ने भी अपनी बातें रखीं। इसके पूर्व सेमिनार का उद्घाटन अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया।
ये बातें फुस्टाव के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामजतन सिन्हा ने कही। वे गुरुवार को टीएनबी कॉलेज में बिहार में उच्चतर शिक्षा : दशा और दिशा विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए संघ ने बहुत संघर्ष किया है। उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए पहले सीएम से लगातार वार्ता होती थी। पर पिछले दस साल से बातचीत नहीं हो रही है। सरकार को समझना होगा कि विश्वविद्यालय से ही देश और छात्रों का भविष्य जुड़ा है। इसकी अनदेखी राष्ट्र की अनदेखी है।
दिल्ली में बैठे तथाकथित विद्वानों ने देश में सेमेस्टर सिस्टम को लागू कर दिया है। पर इससे शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है।
टीएनबी में मात्र 44 शिक्षक
टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरपीसी वर्मा ने कहा कि शिक्षक एकजुट नहीं हैं इसलिए उनका शोषण हो रहा है। सरकार की सेवा शर्त में भी ह्रास हो रहा है। हमारे यहां के चपरासी का वेतन अतिथि शिक्षकों से ज्यादा है। टीएनबी में दो साल पहले 136 शिक्षक थे पर अब मात्र 44 रह गए हैं।
भुस्टा के संयुक्त सचिव डॉ. शंभू प्रसाद सिंह ने कहा कि तेरह साल तक संगठन आंदोलन के लिए सड़क पर था। इस वजह से इस तरह के आयोजन नहीं हो पा रहे थे। टीएमबीयू के कुलपति से हमारी मांग है जिन शिक्षकों को अब तक प्रमोशन नहीं मिला है उन्हें जल्द से जल्द प्रमोशन दें। शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकार की चाल बेहद सुस्त है। इसका प्रतिकूल प्रभाव विवि की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है। संगठन अब सातवें वेतनमान को लेकर आंदोलन करेगा ।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके राय ने कहा कि समाज में शिक्षकों का सम्मान गिर रहा है। इसे वापस प्राप्त करना होगा। इसके लिए जो भी कार्य करने होंगे किए जाएंगे।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि शिक्षक और समाज एक दूसरे से दूर हो रहा है। शिक्षा के स्तर में भी गिरावट आ रही है। गुणात्मक शिक्षा के लिए हमें अपनी परंपरा को तोड़कर कार्य करना होगा।
तिलकामांझी भागलपुर विवि के कुलपति डॉ. नलिनी कांत झा ने कहा कि प्रमोशन का मामला काफी हद तक निपटा दिया गया है। बचे शिक्षकों के प्रमोशन के राजभवन के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी जल्द दूर हो जाएगी। कुछ शिक्षकों के नाम की स्क्रूटनी विवि में चल रही है।
शिक्षकों को अपनी समस्या को लेकर हमारे पास आने की जरूरत नहीं है। वे सिर्फ फोन करें हम खुद उनके पास जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। कुलपति से पहले मैं शिक्षक हूं। अपने दायित्वों को बेहतर तरीके से करना जानता हूं।
इन्होंने भी किया संबोधित
सेमिनार में टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो. रामजतन प्रसाद, प्रो. मिहिर मोहन मिश्रा, प्रो. अवधेष कुमार शर्मा, डॉ. मनोज कुमार समेत दर्जनों शिक्षकों ने भी अपनी बातें रखीं। इसके पूर्व सेमिनार का उद्घाटन अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया।