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बिहार बोर्ड की इस लापरवाही से 16 लाख स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में

इंटर टॉपर स्कैम के बाद बिहार बोर्ड का एक और कारनामा सामने आया है. यह कारनामा सीधे 16 लाख छात्रों के भविष्य से जुड़ा है. दरअसल, कॉपी जांचने के लिए शिक्षकों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक मॉडल एंसर शीट दिया था. इस मॉडल एंसर शीट में सभी सवालों के सही जवाब लिखे होने चाहिए थे, जिससे कॉपी जांचने वाले शिक्षक छात्रों की कॉपियों में लिखे उत्तरों के मिलान कर सही नंबर दे सकें.
लेकिन इसी बीच ईटीवी/ न्यूज18 हिंदी की टीम को ऐसे कागजात मिले हैं जिससे बेहद ही बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है.

खुलासा ये है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साइंस यानि फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के मॉडल एंसर शीट के 15 फीसदी उत्तर गलत हैं. मतलब ये कि बीएसईबी की नजर में एलपीजी खाना पकाने वाली गैस नहीं है और एड्स का फुल फॉर्म एक्वॉयर्ड इम्यून डिफिसिएंसी सिंड्रोम की जगह एक्वॉयर्ड ऐमीनो डिफिसिएंसी सिंड्रोम है.

विज्ञान की कॉपी जांचने वाले शिक्षक विनय आनंद ने कहा कि जो भी एंसर बीएसईबी ने दिया था उसमें सात प्रश्न के उत्तर गलत हैं लिहाजा शिक्षकों से भी गलती हुई होगी और सही रिजल्ट आने की संभावना नहीं है.ईटीवी/ न्यूज18 हिंदी का ये ऑपरेशन एंसर शीट बीएसईबी को आइना दिखा रहा है. उस बीएसईबी को जो हाल ही में टॉपर्स घोटाला देख चुका है. ( पटना से ईटीवी संवाददाता रजनीश कुमार की रिपोर्ट)

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