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बिहार में TET-STET परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग ने जारी किया गाइडलाईन, जानिए

पटना, जेएनएन । बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2019 में शामिल होने के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। अब अभ्यर्थी 30 सितंबर से लेकर तीन अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए 28 सितंबर को विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञप्ति भी जारी की जाएगी।

34540 कोटि के सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग 30 सितंबर को होगी

विभागीय निर्देश के आलोक में 30 सितंबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय स्थित शिक्षा भवन में 34540 कोटि के सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग होगी।

STET के लिए फॉर्म भरने की बढ़ा दी गई है डेट, अब तीन अक्टूबर तक का है समय

पटना, जेएनएन। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2019 में शामिल होने के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। अब अभ्यर्थी 30 सितंबर से लेकर तीन अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए 28 सितंबर को विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञप्ति भी जारी की जाएगी। बताया जाता है कि विभिन्न जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से शिक्षा विभाग से विभिन्न बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगा गया था।

बिहार: कई जिलों में नहीं शुरू है शिक्षकों का नियोजन, बिना रोस्टर कैंडिडेट कैसे भरे फॉर्म?

पटना: बिहार में प्रथामिक विद्यालयों के पहली से पांचवी और मध्य विध्यालयों के छठी से आठवीं कक्ष तक के स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए नियोजन की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है. लेकिन जानकारी के मुताबिक, राज्य के 38 जिलों में कई ऐसे जिले हैं, जहां अब तक शिक्षक नियोजन (Teacher Recruitment) का काम शुरू ही नहीं हुआ है.

सामान्य व पिछड़ा वर्ग के पुरुष 60% से अधिक अंक लाने पर बन सकेंगे शिक्षक

पटना. शिक्षा विभाग से स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक नियोजन में आवेदन के लिए टीईटी 2017 में सामान्य, पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के पुरुष अभ्यर्थी के लिए टीईटी में 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य है। पिछड़ा, अति पिछड़ा व सामान्य कोटि की महिला अभ्यर्थी को 55 प्रतिशत अनिवार्य है।

13 साल छात्रा से 27 साल का टीचर करता था प्यार, 15 की हुई तो लेकर हुआ फरार

पटना, जेएनएन। कोचिंग में पढ़ा रहे एक शिक्षक ने दसवीं की छात्रा को अपने प्रेम जाल में फंसाकर शादी की नीयत से फरार हो गया है। इस संबंध में छात्रा के परिजनों ने स्थानीय थाने में आरोपित शिक्षक के विरुद्ध मामला दर्ज कराकर बेटी की सकुशल वापसी की मांग की है।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग

सहरसा। उच्च न्यायालय के न्यायादेश के बाद प्रखंड में नियोजित दो दर्जन प्रखंड शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु प्रखंड एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जुट गए हैं। बीडीओ विवेक रंजन, बीईओ अशोक कुमार, बीआरसी के लेखा सहायक कृष्ण करूणाकर, बीआरपी धनंजय कुमार आदि कर्मी प्रधानाध्यापक द्वारा उपलब्ध कराई गई उपस्थिति विवरणी धनात्मक व ऋणात्मक सूची का अवलोकन कर रहे हैं।

सेवा पुस्तिका संधारण से कन्नी काट रहा विभाग

जमुई। शिक्षकों के हित की जब बात होती है तो विभाग भी इस काम में कन्नी काटने लगता है। इसका ताजा उदाहरण खैरा प्रखंड के प्रखंड संसाधन केंद्र में देखने को मिल रहा है। यहां डीपीई उत्तीर्ण सैकड़ों शिक्षक अपनी सेवा पुस्तिका संधारण के लिए भटक रहे हैं।

शिक्षक बहाली का रोस्टर जारी, काउंटर पर पहुंचने लगे आवेदक

बांका। सरकारी विद्यालयों में वन टू फाइव और सिक्स टू एट शिक्षकों की बहाली के लिए आरक्षण रोस्टर जिला में जारी हो गया है। गुरुवार रात जिलाधिकारी कुंदन कुमार का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन ने इसे प्रकाशित कर दिया है। इसे जिला की वेबसाइट पर भी लोड कर दिया गया है।

जिप शिक्षकों के स्थानांतरण में गड़बड़ी, वेतन भुगतान में फंसा पेंच

मधुबनी। जिला परिषद द्वारा नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण में गड़बड़ी से कई शिक्षकों के वेतन भुगतान में पेंच फंस गया है। इस मामले की ओर ध्यान खींचने के लिए डीपीओ (स्थापना) ने डीडीसी और जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजा है।

बीएलओ पद से मुक्त फिर भी स्कूलों में नहीं पहुंचे शिक्षक

छतरपुर.राज्य शिक्षा केंद्र ने कलेक्टर को पत्र भेजकर बीएलओ के काम में लगाए गए शिक्षकों को मुक्त करने को कहा गया है। इस आदेश के चार दिन बाद भी शिक्षक अपने पदस्थापना वाले स्कूलों में नहीं पहुंचे हैं।

बिहार के शिक्षा विभाग की 'दरियादिली'!, एक साल से मृत शिक्षिका को दे रहा वेतन

बिहार के लखीसराय में शिक्षा विभाग के अजब-गजब कारनामे दिखने को मिल रहे हैं। शिक्षा विभाग की 'दरियादिली' से जहां एक मृत शिक्षिका को साल भर से वेतन का भुगतान किया जा रहा है, वहीं नौकरी छोड़ चुकीं पूर्व शिक्षिका को भी वेतन दिया जा रहा है। हद तो तब हो गई, जब एक फर्जी शिक्षिका को उनके नियोजन से तीन साल पहले से ही वेतन का भुगतान कर दिया गया और एक फर्जी शिक्षिका की मृत्यु पर उनके बेटे को अनुकंपा का लाभ देते हुए बहाल कर दिया गया।

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