अरवल। नियोजित शिक्षकों को पिछले पांच महीनों से वेतन का भुगतान नहीं होने
से उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे
शिक्षकों को किराए के मकान में रहना मुश्किल हो गया है। यहां तक की घर की
जरूरतों को पूरा करने में भी परेशानी हो रही है।
जो शिक्षक किसी दूसरे जिले से आकर यहां रहते हैं उन्हें तो और भी समस्या हो रही है। खासकर महिला शिक्षिकाओं को तो और भी कठिनाई होती है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ किराए के मकान में रहने से उन्हें कई कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। सोमवार से ग्रीष्मावकाश की छुट्टी भी होने वाली है। फिर भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। होली एवं छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी बगैर वेतन का ही गुजर गया। अब गर्मी की छुट्टी में इधर-उधर घूमने का मंशा पालने वाले शिक्षकों को विभिन्न समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है।
जो शिक्षक किसी दूसरे जिले से आकर यहां रहते हैं उन्हें तो और भी समस्या हो रही है। खासकर महिला शिक्षिकाओं को तो और भी कठिनाई होती है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ किराए के मकान में रहने से उन्हें कई कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। सोमवार से ग्रीष्मावकाश की छुट्टी भी होने वाली है। फिर भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। होली एवं छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी बगैर वेतन का ही गुजर गया। अब गर्मी की छुट्टी में इधर-उधर घूमने का मंशा पालने वाले शिक्षकों को विभिन्न समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है।