रोहतास। जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में 15 अप्रैल 2015 के बाद
नियोजित सभी शिक्षकों हटाने का निर्देश डीईओ ने नियोजन इकाइयों को दिया है।
साथ ही संबंधित प्रखंड के बीईओ से सेवामुक्ति के बाद इकाईवार रिक्ति तीन
दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को भी कहा है। इस आदेश के बाद जिले के लगभग
डेढ़ सौ शिक्षकों की नौकरी समाप्त मानी जा रही है।
नियोजन इकाइयों को भेजे पत्र में डीईओ डॉ अशोक कुमार ¨सह ने कहा कि विभाग ने वर्ष 2015 में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन हेतु 25 से 29 मार्च व 15 अप्रैल की तिथि तय की थी। अधिकांश नियोजन इकाई ने निर्धारित तिथि पर अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र न देकर तिथि समाप्ति के बाद दिया है, जिसे विभाग ने अवैध घोषित किया है। विभागीय निर्देश के आलोक में तिथि समाप्ति के उपरांत जिन शिक्षकों का नियोजन कर उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है, उसे तत्काल हटाने का आदेश नियोजन इकाइयों को दिया गया है। साथ ही संबंधित प्रखंड के बीईओ को यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की सेवामुक्ति के तीन के दिन के अंदर इकाईवार रिक्ति विभाग को उपलब्ध करावें ताकि नियोजन की प्रक्रिया विभागीय निर्देश के आलोक में की जा सके।
ज्ञातव्य हो कि यहां की शिक्षा विभाग ने वरीय अधिकारियों के निर्देश के आलोक में निर्धारित तिथि के बाद नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में बड़े पैमाने पर अनियमितता की थी। इस दौरान किसी शिक्षक का वेतन भुगतान किया गया, तो किसी का निर्देश की आड़ में वेतन को स्थगित कर दिया गया था। मामले को करगहर थाना के लड़ुई विशुनपुर स्कूल की महिला शिक्षक सुमिता कुमारी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से लेकर प्रमंडलीय अपीलीय प्राधिकार तक मामले को चुनौती थी। जिस पर अपीलीय प्राधिकार ने कड़ी प्रतिक्रिया के साथ विभागीय निर्देश के आलोक में कार्रवाई करने का आदेश स्थानीय अधिकारियों को दिया था।
नियोजन इकाइयों को भेजे पत्र में डीईओ डॉ अशोक कुमार ¨सह ने कहा कि विभाग ने वर्ष 2015 में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन हेतु 25 से 29 मार्च व 15 अप्रैल की तिथि तय की थी। अधिकांश नियोजन इकाई ने निर्धारित तिथि पर अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र न देकर तिथि समाप्ति के बाद दिया है, जिसे विभाग ने अवैध घोषित किया है। विभागीय निर्देश के आलोक में तिथि समाप्ति के उपरांत जिन शिक्षकों का नियोजन कर उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है, उसे तत्काल हटाने का आदेश नियोजन इकाइयों को दिया गया है। साथ ही संबंधित प्रखंड के बीईओ को यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की सेवामुक्ति के तीन के दिन के अंदर इकाईवार रिक्ति विभाग को उपलब्ध करावें ताकि नियोजन की प्रक्रिया विभागीय निर्देश के आलोक में की जा सके।
ज्ञातव्य हो कि यहां की शिक्षा विभाग ने वरीय अधिकारियों के निर्देश के आलोक में निर्धारित तिथि के बाद नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में बड़े पैमाने पर अनियमितता की थी। इस दौरान किसी शिक्षक का वेतन भुगतान किया गया, तो किसी का निर्देश की आड़ में वेतन को स्थगित कर दिया गया था। मामले को करगहर थाना के लड़ुई विशुनपुर स्कूल की महिला शिक्षक सुमिता कुमारी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से लेकर प्रमंडलीय अपीलीय प्राधिकार तक मामले को चुनौती थी। जिस पर अपीलीय प्राधिकार ने कड़ी प्रतिक्रिया के साथ विभागीय निर्देश के आलोक में कार्रवाई करने का आदेश स्थानीय अधिकारियों को दिया था।