अरवल। स्थानीय बीआरसी भवन में चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के
उपलक्ष्य में शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में कई
कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि
राष्ट्र पिता के सिद्धांतों में बुनियादी शिक्षा को प्रोत्साहित करना भी
था।
गांधी जी के इन्हीं सिद्धांतों को 21 शताब्दी में कार्यवान्वित करने के लिए अनोखी पहल किया जा रहा है। जिले के सभी विद्यालयों में प्रथम से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को गुणवतापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि सभी बीईओ, बीआरसी, सीआरसी एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित करते हुए शिक्षा का अलख जगाया जाएगा।
डीएम ने कहा कि प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के लिए इसे और रुचिकर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 तक जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में पांचवीं वर्ग तक के बच्चों में आवश्यक कौशल एवं बौद्धिक विकास करना है। डीएम ने कहा कि इसी के मद्देनजर सभी विद्यालयों में प्रतिमाह एक निश्चित तिथि पर शिक्षक, अभिभावक की संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। मालूम हो कि जिला प्रशासन द्वारा एक गैर सरकारी संगठन द्वारा सर्वेक्षण कराया गया था। इस दौरान बुनियादी शिक्षा के परिक्षण में 50 फीसद से भी कम छात्र अपनी दक्षता को प्रमाणित कर पाए। इसी के मद्देनजर इस अभियान का संचालन किया जा रहा है। मौके पर एसडीओ यशपाल मीणा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
गांधी जी के इन्हीं सिद्धांतों को 21 शताब्दी में कार्यवान्वित करने के लिए अनोखी पहल किया जा रहा है। जिले के सभी विद्यालयों में प्रथम से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को गुणवतापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि सभी बीईओ, बीआरसी, सीआरसी एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित करते हुए शिक्षा का अलख जगाया जाएगा।
डीएम ने कहा कि प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के लिए इसे और रुचिकर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 तक जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में पांचवीं वर्ग तक के बच्चों में आवश्यक कौशल एवं बौद्धिक विकास करना है। डीएम ने कहा कि इसी के मद्देनजर सभी विद्यालयों में प्रतिमाह एक निश्चित तिथि पर शिक्षक, अभिभावक की संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। मालूम हो कि जिला प्रशासन द्वारा एक गैर सरकारी संगठन द्वारा सर्वेक्षण कराया गया था। इस दौरान बुनियादी शिक्षा के परिक्षण में 50 फीसद से भी कम छात्र अपनी दक्षता को प्रमाणित कर पाए। इसी के मद्देनजर इस अभियान का संचालन किया जा रहा है। मौके पर एसडीओ यशपाल मीणा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।