नहीं निकलती है ई-मासिक पत्रिका
मैनेज हो जाता है आरटीआई का आवेदन
राकेश सिन्हा, जमुई :जिले में गरीबी उन्मूलन या फिर विकास की योजनाओं में पारदर्शिता के लिए कोई ई-मासिक पत्रिका नहीं निकलती है बल्कि आरटीआई ही पारदर्शिता का पैमाना है। भले ही डिजिटल इंडिया की बात हो रही है पर सरकारी योजनाओं में लूट-खसोट और गरीबों का हक उन तक नहीं पहुंचने की कहानी कोई नई नहीं है। जन वितरण व्यवस्था हो या आइसीडीएस या फिर मध्याह्न भोजन। सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार कूट-कूटकर भरा है। यह बात किसी से नहीं छिपी है कि झाझा के एक शिक्षक द्वारा छात्रों का पैसा निकालने के मामले में जब बवाल मचा तो जांच हुई और शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज हो गई।