पटना। बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। राज्य कैबिनेट ने राज्य वेतन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए राज्यकर्मियों को रिवाइज्ड वेतन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस फैसले से 3.65 लाख राज्यकर्मियों के साथ-साथ छह लाख पेंशनरों और 3.6 लाख नियोजित (संविदा पर रखे गए) शिक्षकों को भी फायदा होगा। बढ़ा हुआ वेतन 1 अप्रैल 2017 से देय होगा।
इस वेतनमान के लागू होने से राज्यकर्मियों और पेंशनभोगियों का वेतन केंद्र के कर्मचारियों के बराबर हो जाएगा। वेतनमान को मंजूरी के बाद राज्य के कर्मचारियों का मौजूदा बेसिक वेतन बढ़ कर 2.57 गुना हो जायेगा, वहीं सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा से राज्यकर्मियों के वेतनमान में पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर राज्य सरकार को हर साल 6.5 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। इसमें सालाना पांच हजार करोड़ राज्यकर्मियों की वेतनवृद्धि पर तथा डेढ़ हजार करोड़ नियोजित शिक्षकों की वेतनवृद्धि पर खर्च होंगे। इससे पहले रविवार को सातवें वेतनमान पर सीएम को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
इस वेतनमान के लागू होने से राज्यकर्मियों और पेंशनभोगियों का वेतन केंद्र के कर्मचारियों के बराबर हो जाएगा। वेतनमान को मंजूरी के बाद राज्य के कर्मचारियों का मौजूदा बेसिक वेतन बढ़ कर 2.57 गुना हो जायेगा, वहीं सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा से राज्यकर्मियों के वेतनमान में पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर राज्य सरकार को हर साल 6.5 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। इसमें सालाना पांच हजार करोड़ राज्यकर्मियों की वेतनवृद्धि पर तथा डेढ़ हजार करोड़ नियोजित शिक्षकों की वेतनवृद्धि पर खर्च होंगे। इससे पहले रविवार को सातवें वेतनमान पर सीएम को रिपोर्ट सौंपी गई थी।