जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में गुरुजी अपने बच्चों को बिना वेतन
के बढ़ा रहे हैं। विभाग हर माह वेतन देने का दावा कई बार कर चुका है, लेकिन
दो माह से वेतन नहीं मिला है। इससे शिक्षकों के सामने आर्थिक परेशानी आ गई
है। घर खर्च चलना मुश्किल हो रहा है।
फिर भी विभाग वेतन भुगतान के प्रति उदासीन है। इससे कई शिक्षक कर्ज में डूब गए हैं। वे वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अभी हाल फिलहाल वेतन मिलने की उम्मीद नहीं है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान ने फरवारी माह में ही स्थापना शाखा को मार्च तक के वेतन भुगतान के लिए राशि उपलब्ध करा दी थी। मार्च माह का वेतन अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला।
वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है। शादी विवाह का मौसम चल रहा है। किसी के घर शादी है तो किसी के रिश्तेदारी में। शादी की तैयारी के लिए रुपये की जरुरत है। कम से कम कपड़े की खरीदारी जरूर करनी है। वेतन ही नहीं मिल रहा है तो शिक्षक खरीदारी कहां से करें। इस तरह कई शिक्षक शादी विवाह में रिश्तेदारों के घर जाने से परहेज कर रहे हैं। शादी के दिन कोई बहाना बनाने लग रहे हैं।
जिले में दस हजार से ज्यादा शिक्षकों के सामने इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है। वे वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। धीरे-धीरे मई माह भी गुजर जाएगा। इस तरह तीन माह का वेतन बकाया हो जाएगा।
नहीं मिली एरियर की राशि
शिक्षकों को एरियर की भी राशि नहीं मिली। तत्कालीन डीईओ विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा ने आदेश दिया था कि दिसम्बर माह में सभी बकाया राशि वेतन में जोड़कर देना है। लेकिन अभी तक उसका भुगतान नहीं हुआ। शिक्षको का पांच से नौ हजार रुपये एरियर के रूप में बकाया है। इसका कब भुगतान होगा, किसी को पता नहीं है।
चार फीसदी महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी
जिले के स्कूलों में पदस्थापित सभी शिक्षकों को चार फीसदी अतिरिक्त महंगाई भत्ता मिलने जा रही है। अभी तक शिक्षकों को 132 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता है, लेकिन केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2017 के प्रभाव से 136 फीसदी महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया है। इसके बाद राज्य सरकार के वित्त विभाग के सचिव राहुल ने 136 फीसदी महंगाई भत्ता के हिसाब से मई माह के वेतन में भुगतान करने को कहा है। साथ ही जनवरी से अप्रैल माह तक अंतर चार फीसदी महंगाई भत्ता का भुगतान जून माह के वेतन में करने का आदेश दिया है। इस तरह एक शिक्षक को दो सौ से सवा तीन सौ रुपये प्रति माह लाभ होगा।
जल्द भुगतान की मांग
राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मंगल कुमार साह ने डीईओ से वेतन भुगतान कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शिक्षक रोज स्कूलों में पढ़ाने जाते हैं। जांच के दौरान जरा सी देरी होने पर हरजिरी काट दी जाती है। शो कॉज किया जाता है, लेकिन वेतन भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बकाया अंतर वेतन भुगतान करने की मांग की है।
फिर भी विभाग वेतन भुगतान के प्रति उदासीन है। इससे कई शिक्षक कर्ज में डूब गए हैं। वे वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अभी हाल फिलहाल वेतन मिलने की उम्मीद नहीं है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान ने फरवारी माह में ही स्थापना शाखा को मार्च तक के वेतन भुगतान के लिए राशि उपलब्ध करा दी थी। मार्च माह का वेतन अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला।
वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है। शादी विवाह का मौसम चल रहा है। किसी के घर शादी है तो किसी के रिश्तेदारी में। शादी की तैयारी के लिए रुपये की जरुरत है। कम से कम कपड़े की खरीदारी जरूर करनी है। वेतन ही नहीं मिल रहा है तो शिक्षक खरीदारी कहां से करें। इस तरह कई शिक्षक शादी विवाह में रिश्तेदारों के घर जाने से परहेज कर रहे हैं। शादी के दिन कोई बहाना बनाने लग रहे हैं।
जिले में दस हजार से ज्यादा शिक्षकों के सामने इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है। वे वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। धीरे-धीरे मई माह भी गुजर जाएगा। इस तरह तीन माह का वेतन बकाया हो जाएगा।
नहीं मिली एरियर की राशि
शिक्षकों को एरियर की भी राशि नहीं मिली। तत्कालीन डीईओ विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा ने आदेश दिया था कि दिसम्बर माह में सभी बकाया राशि वेतन में जोड़कर देना है। लेकिन अभी तक उसका भुगतान नहीं हुआ। शिक्षको का पांच से नौ हजार रुपये एरियर के रूप में बकाया है। इसका कब भुगतान होगा, किसी को पता नहीं है।
चार फीसदी महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी
जिले के स्कूलों में पदस्थापित सभी शिक्षकों को चार फीसदी अतिरिक्त महंगाई भत्ता मिलने जा रही है। अभी तक शिक्षकों को 132 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता है, लेकिन केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2017 के प्रभाव से 136 फीसदी महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया है। इसके बाद राज्य सरकार के वित्त विभाग के सचिव राहुल ने 136 फीसदी महंगाई भत्ता के हिसाब से मई माह के वेतन में भुगतान करने को कहा है। साथ ही जनवरी से अप्रैल माह तक अंतर चार फीसदी महंगाई भत्ता का भुगतान जून माह के वेतन में करने का आदेश दिया है। इस तरह एक शिक्षक को दो सौ से सवा तीन सौ रुपये प्रति माह लाभ होगा।
जल्द भुगतान की मांग
राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मंगल कुमार साह ने डीईओ से वेतन भुगतान कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शिक्षक रोज स्कूलों में पढ़ाने जाते हैं। जांच के दौरान जरा सी देरी होने पर हरजिरी काट दी जाती है। शो कॉज किया जाता है, लेकिन वेतन भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बकाया अंतर वेतन भुगतान करने की मांग की है।