देश में सरकारी स्कूल
एक ओर जहां शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे सरकारी स्कूल
भी हैं जिनमें तीन-तीन साल से शिक्षक गायब हैं। पटना जिला प्रशासन ने नगर
निकायों द्वारा चलाए जा रहे ऐसे 538 सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल
शिक्षकों की पहचान की है, जिन्होंने पिछले तीन से पांच सालों के बीच अपनी
ड्यूटी की कोई सूचना नहीं दी।
इंडियन
एक्सप्रेस के मुताबिक, पटना जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार
अग्रवाल ने कहा कि रविवार को एक बैठक के बाद प्रशासन ने स्थानीय निकायों के
कार्यकारी अधिकारियों को से पूछा है कि इस चूक के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई
क्यों नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी को भी
उनकी लापरवाही के बारे में स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
हालांकि, छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कूल नहीं पहुंच रहे शिक्षकों को सैलरी भी नहीं मिलती। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि ये शिक्षक स्कूल के रजिस्टर्स में मौजूद हैं। जिसकी वजह से स्कूल नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकते। इस लापरवाही में यह भी गौर करने वाली बात है कि 538 शिक्षकों में से 300 शिक्षकों के इस्तीफे भी स्वीकार नहीं किए गए।
हालांकि, छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कूल नहीं पहुंच रहे शिक्षकों को सैलरी भी नहीं मिलती। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि ये शिक्षक स्कूल के रजिस्टर्स में मौजूद हैं। जिसकी वजह से स्कूल नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकते। इस लापरवाही में यह भी गौर करने वाली बात है कि 538 शिक्षकों में से 300 शिक्षकों के इस्तीफे भी स्वीकार नहीं किए गए।