सीएम ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को दिया निर्देश
पटना : राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की हाजिरी एप के जरिये
लेने और स्कूलों की राज्य स्तर पर मॉनीटरिंग करने के लिए सीवान के विवेक
तिवारी ने लोक संवाद में सुझाव दिये. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में
आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में विवेक तिवारी ने बताया कि शिक्षक की हाजिरी
स्कूल परिसर में ही आने पर बनेगी. इस एप के जरिये कितने शिक्षक स्कूल आये
और कितने गैर हाजिर रहे उसका पता चल सकेगा. सरकार मैप के जरिये भी देख
सकेगी कि किस स्कूल में शिक्षक आये. साथ ही स्कूलों को जो समस्याएं होंगी
उसे एप के जरिये भेजा जा सकेगा.
मुख्यमंत्री : सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके
महाजन को निर्देश दिया कि इस एप को कैसे लागू किया जा सकता है उसे देखें.
यह अच्छा सुझाव है. बेसिक ठीक करें और जल्द कार्ययोजना बनाये.
राधारत्न प्रभा, पटना : स्वास्थ्य विभाग प्राकृतिक चिकित्सा को
बढ़ावा दे. कई जटिल रोगों का इलाज इससे हो सकता है. राज्य स्तरीय प्राकृतिक
चिकित्सा अस्पताल की स्थापना हो.
मुख्यमंत्री : भागलपुर में 50 करोड़ की लागत से प्राकृतिक शोध केंद्र
की पुनर्स्थापना की जा रही है. पिछले वित्तीय वर्ष से ही इस पर कार्रवाई
शुरू की गयी है और डेढ़ साल में राष्ट्रीय स्तर का बना दिया जायेगा. इसका
शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री स्व पंडित जवाहर लाल नेहरू और उद्घाटन
लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने किया था. प्राकृतिक छोटा-छोटा केंद्र बने और
गरीबों का इलाज सुलभ हो.
अमित गुप्ता, कटिहार : दहेज प्रथा व बाल विवाह रोकने के लिए सरकार
लोगों को एनओसी दे. शादी करने वाले युवक-युवती समेत उनके अभिभावकों से
लिखित लिया जाये कि वे न तो दहेज लिये हैं और न दिये हैं? लड़का को 21 साल
होने पर व लड़की को 18 साल पर ही एनओसी मिले. इस एनओसी पर एक यूनिक नंबर
दिया जाये, जिसका उपयोग वे भविष्य के अन्य कामों में कर सकें.
मुख्यमंत्री : दहेज प्रथा के लिए कानून बना हुआ है. सरकार कैंपेन भी
चलाने वाली है. जो लोग शादी में दहेज लेते हैं उनकी शादी में न जाये. यह
सामाजिक प्रश्न है. इसके लिए जनचेतना जरूरी है. सिर्फ कानून से कुछ नहीं
होता है. जन जागरूकता से ही काम हो सकता है.
जिस प्रकार शराबबंदी में कुछ सिरफिरे लोग काम करते हैं उसी तरह
संपन्न लोग दहेज लेते हैं. महिलाएं जागरूक हुई है. उनमें जागृति आयी है.
उन्हें और ज्यादा सक्रिय करना है. सिर्फ कंट्रोल करने की मानसिकता से इसका
समाधान नहीं होगा.
संतोष जायसवाल, मुजफ्फरपुर : प्रदेश में टेली मेडिसिन पद्धति से इलाज
दो सालों से बंद है. इससे मरीजों को समस्या हो रही है. मुख्यमंत्री : सीएम
ने जब इस पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन से पूछा कि क्यों
बंद है तो उन्होंने बताया कि एनआरएचएम से पैसा मिलना बंद हो गया है. इस वजह
से फरवरी 2015 से ही यह बंद है. इसमें 10 करोड़ की राशि खर्च होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है.
राशि सरकार की ओर से दी जायेगी. जल्द शुरू करें. श्वेता कुमारी, पटना :
बच्चों को संगीत की शिक्षा दी जाये. साथ ही भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी
ठाकुर, शारदा सिन्हा जैसी विभूतियों के नाम से पुरस्कारों को बढ़ाया जाये.
साथ ही बिहार दिवस के दिन पुरुषों को धोती-कुरता और महिलाओं को साड़ी पहनने
का निर्देश दे.
प्रधान सचिव, कला संस्कृति व युवा : जिला स्तर पर संगीत महोत्सव का
आयोजन किया जा रहा है. सेंसर बोर्ड की शाखा कार्यालय खोलने की भी पहल की
गयी है, लेकिन केंद्र की ओर से सकारात्मक रुख नहीं है.
मोदी के आरोप पर सीएम ने कहा तथ्य हैं तो कानून का लें सहारा
भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा राजद सुप्रीमो
लालू प्रसाद व उनके परिवार के नाम की संपत्तियों के उजागर पर सीएम नीतीश
कुमार ने चुप्पी तोड़ी है. सीएम ने कहा कि जो आरोप भाजपा व उनके नेता मोदी
की ओर से लगाये जा रहे हैं, उसका जवाब लालू प्रसाद व राजद की ओर से दिये जा
रहे हैं. एक पक्ष जो आरोप लगा रहा है उनके खिलाफ दूसरे पक्ष से भी आरोप आ
रहे हैं. ऐसे में किसी तीसरे को प्रतिक्रिया देने की क्या जरूरत है.
भाजपा के पास अगर तथ्य हैं व कानूनी रूप से गलत साबित कर सकते हैं तो
कानून का सहारा लें. सिर्फ बयानबाजी से क्या होगा? केंद्र के दायरे में
जांच का जिम्मा है, तो आरोप सत्य है तो जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा यह
सब सिर्फ पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है. इस तरह का वातावरण बना कर रखा
है कि सरकार जो काम कर रही है, वह गौण हो जाये. हमने अपने मंत्रियों से कहा
है कि वे अपने काम पर ध्यान दें. जनता पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा
है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जहां तक संपत्ति की सूचना जारी करने का
सवाल है यह कोई शपथपत्र नहीं है और न ही कानून से बंधा है.
यह मोरलिटी से बंधा है. यह मोरल व सोशल वैल्यू है. जिसने अगर संपत्ति
की जानकारी नहीं दी है, उन्हें जानकारी देनी चाहिए और यह भी बताना चाहिए
क्यों नहीं दी? सार्वजनिक जीवन में मोरल वैल्यू बड़ी चीज होती है. मुझे
नहीं मालूम है कि किसने संपत्ति की सारी जानकारी दी है या नहीं. उन्होंने
कहा कि बिहार ने 2011 में इसे शुरू किया. सीएम ने कहा कि जो आरोप लगाये जा
रहे हैं मीडिया उसका अध्ययन करे. सही तथ्य सामने लायें.
लें. अगर लगता है कि किसी ने संपत्ति की जानकारी नहीं दी है तो उसके
सबूत पेश करें और जो त्रुटियां हैं उसे उजागर करें, तथ्य सामने लायें. खोजी
पत्रकारिता से जांच कर सकते हैं
इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, विधान पार्षद समेत क्लास वन से
थ्री तक के अधिकारी को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करनी है. चुनाव आयोग के
फॉर्मेट के अनुसार ही संपत्ति की घोषणा करनी है. इसी फॉर्मेट में सभी
संपत्ति की घोषणा करते हैं. राजद सांसद मीसा भारती पर लगे आरोपों पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी उन्हें न तो कोई जानकारी है, न ही कोई आइडिया
है और न ही कोई प्रतिक्रिया है. जिन पर आरोप लगते हैं वे जवाब दे रहे हैं.
मीडिया को जांच का दिया जिम्मा
मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच का जिम्मा मीडिया को ही दिया.
उन्होंने कहा कि मीडिया चौथा स्तंभ है. खोजी पत्रकारिता से जांच कर सकते
हैं. जो आरोप लगाये जा रहे हैं उसका अध्ययन कर लें. अगर लगता है कि किसी ने
संपत्ति की जानकारी नहीं दी है तो उसके सबूत पेश करें और जो त्रुटियां हैं
उसे उजागर करें, तथ्य सामने लायें.