अररिया। रानीगंज के गुणवंती और आसपास के विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था
बदहाल है। विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण
एमडीएम योजना में भी जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। इसका खुलासा बुधवार को
जागरण के आन द स्पाट अभियान में हुआ।
जब जागरण टीम ने सुबह नौ बजे विभिन्न विद्यालयों का भ्रमण किया तो कैमरे की चमक से कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। कई विद्यालय में बच्चे व शिक्षक नदारद थे तो वहीं एक विद्यालय में स्कूल बंद कर एचएम बरामदा पर मोबाइल पर फिल्म देख रहे थे। इसी बीच विद्यालयों के आसपास की गंदगी कैमरे में कैद हो गई। ज्ञात हो कि इन दिनों जिले के स्कूलों में मार्निग क्लास संचालित हो रहा है।
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दिन के नौ बजे प्रावि हरिजन बसैटी
अभियान के तहत जागरण टीम नौ बजे प्रावि हरीजन बसैटी पहुंची। तीन शिक्षिकाएं पंद्रह बच्चों को पढ़ा रही थी। प्रधानाध्यापक की कुर्सी खाली पड़ी थी। शिक्षिका किरण कुमारी, वीणा झा, पुतुल कुमारी ने बताया कि प्रधानाध्यापक अमरेन्द्र कुमार की तबीयत अचानक खराब हो गई। वे इलाज कराने पूर्णिया गए हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि रसोईया समान खरीदने दुकान गई है। उसके आने के बाद एमडीएम बनाया जाएगा। करीब डेढ़ सौ बच्चे नामांकित हैं। अधिकांश बच्चे दस बजे तक विद्यालय पहुंचते हैं।
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9.25 बजे: उमवि धमदाहा गुणवंती
जागरण टीम 9.25 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय धमदाहा गुणवंती पहुंची। विद्यालय परिसर में ग्रामीणों का मकई सूख रहा था। एचएम अपने कक्ष में मौजूद थे। दो शिक्षक कक्षा में थे। कैमरा चमकते ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में लीन हो गए। नामांकत 265 बच्चों में केवल 60 बच्चे कक्षा रूम में मौजूद थे। एमडीएम बन रहा था। एक दिन पूर्व इस विद्यालयों से 121 बच्चों की रिपोर्ट विभाग को भेजी गई थी। पूछने पर एचएम संजय गुप्ता ने बताया कि अभी एमडीएम रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। जितना बच्चा उपस्थित है उतने का ही रिपोर्ट जाएगा। शौचालय गंदा व क्षतिग्रस्त पड़ा था। चापाकल के पास गंदगी की अंबार लगी थी। शिक्षक रमानंद कुमार बगैर सूचना के गायब थे।
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-10.30 प्रावि दुर्गापुर मुसहरी
जागरण टीम साढ़े दस बजे प्रावि दुर्गापुर मुसहरी पहुंची तो कैमरे की चमक से कई हैरत अंगेज तस्वीर निकल कर सामने आई। विद्यालय बंद पढ़ा था। बच्चे व शिक्षक नदारद थे। रसोई घर में भी ताला जड़ा था। एचएम बैजू कुमार ¨सह अकेले विद्यालय के बरामदा पर मोबाइल में खोए हुए थे। कैमरा चमकते ही कुर्सी से खड़े हो गए। पूछने पर उन्होंने बताया कि आज गांव में शादी है जिस कारण बच्चे व रसोइया नहीं आए। शिक्षक भी नहीं आए हैं। विद्यालय तो खुला है। आज वह अकेले हैं। समय काट रहे हैं। इधर, आसपास के ग्रामीणों की मानें तो इस विद्यालय में हर रोज ऐसा ही हाल रहता है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र रहने के कारण अधिकारी नहीं के बराबर आते हैं।
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-दिन के ग्यारह बजे प्रावि रजबेली
अभियान के तहत जागरण टीम दिन के ग्यारह बजे प्रावि रजबेली पहुंची। विद्यालय में ताला लगाकर दो शिक्षक अपने अपने घरों की ओर निकल रहे थे। इतने में टीम के देखते वापस विद्यालय लौटे। कैमरा चमकने लगी। कैमरे की चमक से एक शिक्षिका विद्यालय का ताला खोलने लगी। विद्यालय में दो बच्चे उपस्थित थे। मौके पर उपस्थित शिक्षक ने विनय कुमार वर्मा बबीता कुमारी ने बताया कि प्रधानाध्यापक जरूरी काम से अररिया गए हैं। एमडीएम खाकर बच्चे अपने घर चले गए हैं। उपस्थिति पंजी प्रधानाध्यापक के पास ही है। एमडीएम रिपोर्ट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। नामांकित बच्चों की संख्या 210 है। वहीं कन्या मध्य विद्यालय के गेट के बाहर व शौचालय में गंदगी पसरी थी।
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स्कूलों के निरीक्षण से इन सारी समस्याओं का हल ढूंढने की कोशिश की जा रही है। मामले की जानकारी ले कर दोषी शिक्षकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मनोज कुमार, डीपीओ स्थापना, अररिया
जब जागरण टीम ने सुबह नौ बजे विभिन्न विद्यालयों का भ्रमण किया तो कैमरे की चमक से कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। कई विद्यालय में बच्चे व शिक्षक नदारद थे तो वहीं एक विद्यालय में स्कूल बंद कर एचएम बरामदा पर मोबाइल पर फिल्म देख रहे थे। इसी बीच विद्यालयों के आसपास की गंदगी कैमरे में कैद हो गई। ज्ञात हो कि इन दिनों जिले के स्कूलों में मार्निग क्लास संचालित हो रहा है।
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दिन के नौ बजे प्रावि हरिजन बसैटी
अभियान के तहत जागरण टीम नौ बजे प्रावि हरीजन बसैटी पहुंची। तीन शिक्षिकाएं पंद्रह बच्चों को पढ़ा रही थी। प्रधानाध्यापक की कुर्सी खाली पड़ी थी। शिक्षिका किरण कुमारी, वीणा झा, पुतुल कुमारी ने बताया कि प्रधानाध्यापक अमरेन्द्र कुमार की तबीयत अचानक खराब हो गई। वे इलाज कराने पूर्णिया गए हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि रसोईया समान खरीदने दुकान गई है। उसके आने के बाद एमडीएम बनाया जाएगा। करीब डेढ़ सौ बच्चे नामांकित हैं। अधिकांश बच्चे दस बजे तक विद्यालय पहुंचते हैं।
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9.25 बजे: उमवि धमदाहा गुणवंती
जागरण टीम 9.25 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय धमदाहा गुणवंती पहुंची। विद्यालय परिसर में ग्रामीणों का मकई सूख रहा था। एचएम अपने कक्ष में मौजूद थे। दो शिक्षक कक्षा में थे। कैमरा चमकते ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में लीन हो गए। नामांकत 265 बच्चों में केवल 60 बच्चे कक्षा रूम में मौजूद थे। एमडीएम बन रहा था। एक दिन पूर्व इस विद्यालयों से 121 बच्चों की रिपोर्ट विभाग को भेजी गई थी। पूछने पर एचएम संजय गुप्ता ने बताया कि अभी एमडीएम रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। जितना बच्चा उपस्थित है उतने का ही रिपोर्ट जाएगा। शौचालय गंदा व क्षतिग्रस्त पड़ा था। चापाकल के पास गंदगी की अंबार लगी थी। शिक्षक रमानंद कुमार बगैर सूचना के गायब थे।
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-10.30 प्रावि दुर्गापुर मुसहरी
जागरण टीम साढ़े दस बजे प्रावि दुर्गापुर मुसहरी पहुंची तो कैमरे की चमक से कई हैरत अंगेज तस्वीर निकल कर सामने आई। विद्यालय बंद पढ़ा था। बच्चे व शिक्षक नदारद थे। रसोई घर में भी ताला जड़ा था। एचएम बैजू कुमार ¨सह अकेले विद्यालय के बरामदा पर मोबाइल में खोए हुए थे। कैमरा चमकते ही कुर्सी से खड़े हो गए। पूछने पर उन्होंने बताया कि आज गांव में शादी है जिस कारण बच्चे व रसोइया नहीं आए। शिक्षक भी नहीं आए हैं। विद्यालय तो खुला है। आज वह अकेले हैं। समय काट रहे हैं। इधर, आसपास के ग्रामीणों की मानें तो इस विद्यालय में हर रोज ऐसा ही हाल रहता है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र रहने के कारण अधिकारी नहीं के बराबर आते हैं।
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-दिन के ग्यारह बजे प्रावि रजबेली
अभियान के तहत जागरण टीम दिन के ग्यारह बजे प्रावि रजबेली पहुंची। विद्यालय में ताला लगाकर दो शिक्षक अपने अपने घरों की ओर निकल रहे थे। इतने में टीम के देखते वापस विद्यालय लौटे। कैमरा चमकने लगी। कैमरे की चमक से एक शिक्षिका विद्यालय का ताला खोलने लगी। विद्यालय में दो बच्चे उपस्थित थे। मौके पर उपस्थित शिक्षक ने विनय कुमार वर्मा बबीता कुमारी ने बताया कि प्रधानाध्यापक जरूरी काम से अररिया गए हैं। एमडीएम खाकर बच्चे अपने घर चले गए हैं। उपस्थिति पंजी प्रधानाध्यापक के पास ही है। एमडीएम रिपोर्ट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। नामांकित बच्चों की संख्या 210 है। वहीं कन्या मध्य विद्यालय के गेट के बाहर व शौचालय में गंदगी पसरी थी।
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स्कूलों के निरीक्षण से इन सारी समस्याओं का हल ढूंढने की कोशिश की जा रही है। मामले की जानकारी ले कर दोषी शिक्षकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मनोज कुमार, डीपीओ स्थापना, अररिया