भागलपुर। जिले के सरकारी स्कूलों में कुव्यवस्था व गुरुजी की उदासीनता
से शिक्षा सिसकती नजर आई। बच्चे स्कूलों के आसपास यायावर की तरह भटते दिखे।
कहीं-कहीं कक्षा में शिक्षक नदारद दिखे तो कुछ शिक्षक-शिक्षिकाओं को पेड़
के नीचे अक्षर ज्ञान देते देखा गया। स्कूलों के भवन जर्जर थे।
वहां बदहाल भवन नौनिहालों के जान पर खतरा है। चार से पांच घंटे तक स्कूल में ठहरने वाले बच्चों एक चापाकल के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। सरकारी विद्यालयों के उक्त तमाम हकीकत को दैनिक जागरण ने अपने कार्यक्रम ऑन द स्पाट में बुधवार को पड़ताल के दौरान समेटा है।
सुबह 8:00 बजे
87 बच्चे कक्षा में थे उपस्थित
कन्या प्राथमिक विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र सबौर जहां कक्षा पांच तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। उक्त स्कूल में प्रधानाध्यापिका सहित दो शिक्षिकाएं व एक शिक्षक, सभी उपस्थित थे। नामांकित 131 में मात्र 87 बच्चे पढ़ने आए थे। दो-दो कक्षाओं के बच्चों की एक साथ कक्षा ली जा रही थी। विद्यालय में सब कुछ सिस्टमेटिक दिखा। एक सवाल के जबाव में प्रधानाध्यापिका कल्याणी कुमारी ने कहा कि यहां स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर है। चार में से एक कमरे का मलबा टूट-टूट कर गिरता है। विगत वर्ष पांच बच्चे मलवा गिरने से घायल भी हो गए थे। जिला शिक्षा विभाग को शिकायत करने पर भी इसका पुनर्निर्माण नहीं कराया जा रहा है। संवेदक द्वारा स्टार्टर नहीं देने से बीते एक वर्ष से बच्चों को बो¨रग का पानी पीने नहीं मिल रहा है। बच्चे चापाकल का गंदा पानी पीने को विवश है। रसोइया के हड़ताल पर चले जाने मिड डे मिल बंद हो गया है। जिससे बच्चों की उपस्थिति भी कम हो गई है।
समय : सुबह 9:00 बजे
बच्चे थे पर शिक्षक नहीं
कन्या मध्य विद्यालय कॉलेज क्षेत्र में नामांकन के हिसाब से बच्चों की उपस्थिति बहुत अच्छी थी। बेंच-डेस्क के अभाव में छात्र-छात्राएं दरी पर नीचे बैठी हुई थीं। पर छठी-सातवीं एवं आठवीं कक्षाओं में शिक्षक नहीं दिखे। बच्चों से पूछे जाने पर कहा गया कि अभी घंटी बजी है। दूसरे शिक्षक आएंगे।
पेड़ के नीचे लगा रखी थी तीन कक्षाएं
स्कूल की एक शिक्षिका कक्षा एक से लेकर तीन तक के करीब 30 बच्चों को एक पेड़ के नीचे अक्षर ज्ञान दे रही थी। जो गुरुकुल की याद दिला रहा था।
स्कूल में बच्चों की बेहतर उपस्थिति
स्कूल के प्राचार्य राम रतन कुमार ने बताया कि इस संसाधन विहीन स्कूल में बेहतर पढ़ाई के कारण आसपास के गांवों से सबसे अधिक बच्चे आते हैं। मौके पर 281 नामांकित बच्चों में से 243 उपस्थित पाए गए। सात में से छह शिक्षक भी स्कूल में उपस्थित थे। प्राचार्य से पूछे जाने पर बताया गया कि एक शिक्षक आवेदन देकर छुट्टी पर हैं। बरसात के दिनों में यह स्कूल बच्चों के पढ़ने लायक नहीं रह जाता है। संसाधनों की यहां घोर कमी के साथ यह स्कूल पूरी तरह असुरक्षित है। यहां बराबर चोरी की घटनाएं होती रहती है। विभाग को वस्तु स्थिति की जानकारी दे दी गई है।
खेल सामग्रियां कूड़ों में तब्दील
स्कूल में ढेर सारी खेल सामग्रियां भी दिखी पर सब कुछ कूड़ों में तब्दील हो चुका था। बच्चों ने बताया यहां मनोरंजन का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। पुरानी ही सही सभी बच्चों को पुस्तक उपलब्ध करा दी गई है। आज से मिड डे मिल बंद है। पीने के पानी के नाम पर एक चापकल है जो गंदा पानी देता है।
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सुबह 10:00 बजे
बिना सूचना के प्रधानाचार्य गायब
कन्या मध्य विद्यालय खानकित्ता में पदस्थापित प्रधानाध्यापक जयदीप कुमार बिना सूचना के स्कूल से गायब मिले। वहां कक्षा ले रही शिक्षिकाओं से पूछे जाने पर एक ने कहा बीआरसी गए हैं तो दूसरे ने चुनाव कार्य से टाउन हाल जाने की बात कही। जबकि स्कूल प्रधान ने अनुपस्थित रहने की किसी शिक्षिकाओं को सूचना नहीं दे रखी थी।
लचर थी स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था
किसी सूचना के बगैर स्कूल से प्राधानाचार्य का गायब रहना वहां की लचर शैक्षणिक व्यवस्था को प्रदर्शित कर रहा था। कक्षा में बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली खुद शिक्षिका कुर्सी पर पैर चढ़ा कर बैठी थी। अन्य कक्षा में भी बच्चों को पढ़ने की महज औपचारिकता निभाई जा रही थी। शिक्षक-शिक्षिकाओं के हिसाब से स्कूल में बच्चों की संख्या बहुत कम थी
विद्यालय की यथास्थिति
कुल शिक्षक शिक्षिकाओं की संख्या : 09
नामांकित बच्चों की संख्या : 184
उपस्थित बच्चों की संख्या : 84
कक्षा वार यूं थी बच्चों की उपस्थिति
प्रथम वर्ग : 05
द्वितीय वर्ग : 04
तृतीय वर्ग : 07
चतुर्थ वर्ग : 12
पंचम वर्ग : 09
पष्ठ वर्ग : 12
सप्तम वर्ग : 19
अष्टम वर्ग : 10
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कुल उपस्थिति : 78
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कोट..
संबंधित स्कूलों की जांच कर दोषी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जहां संसाधनों की कमी है। उसे पूरा करने के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजा जाएगा।
फूल बाबू चौधरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर।
वहां बदहाल भवन नौनिहालों के जान पर खतरा है। चार से पांच घंटे तक स्कूल में ठहरने वाले बच्चों एक चापाकल के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। सरकारी विद्यालयों के उक्त तमाम हकीकत को दैनिक जागरण ने अपने कार्यक्रम ऑन द स्पाट में बुधवार को पड़ताल के दौरान समेटा है।
सुबह 8:00 बजे
87 बच्चे कक्षा में थे उपस्थित
कन्या प्राथमिक विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र सबौर जहां कक्षा पांच तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। उक्त स्कूल में प्रधानाध्यापिका सहित दो शिक्षिकाएं व एक शिक्षक, सभी उपस्थित थे। नामांकित 131 में मात्र 87 बच्चे पढ़ने आए थे। दो-दो कक्षाओं के बच्चों की एक साथ कक्षा ली जा रही थी। विद्यालय में सब कुछ सिस्टमेटिक दिखा। एक सवाल के जबाव में प्रधानाध्यापिका कल्याणी कुमारी ने कहा कि यहां स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर है। चार में से एक कमरे का मलबा टूट-टूट कर गिरता है। विगत वर्ष पांच बच्चे मलवा गिरने से घायल भी हो गए थे। जिला शिक्षा विभाग को शिकायत करने पर भी इसका पुनर्निर्माण नहीं कराया जा रहा है। संवेदक द्वारा स्टार्टर नहीं देने से बीते एक वर्ष से बच्चों को बो¨रग का पानी पीने नहीं मिल रहा है। बच्चे चापाकल का गंदा पानी पीने को विवश है। रसोइया के हड़ताल पर चले जाने मिड डे मिल बंद हो गया है। जिससे बच्चों की उपस्थिति भी कम हो गई है।
समय : सुबह 9:00 बजे
बच्चे थे पर शिक्षक नहीं
कन्या मध्य विद्यालय कॉलेज क्षेत्र में नामांकन के हिसाब से बच्चों की उपस्थिति बहुत अच्छी थी। बेंच-डेस्क के अभाव में छात्र-छात्राएं दरी पर नीचे बैठी हुई थीं। पर छठी-सातवीं एवं आठवीं कक्षाओं में शिक्षक नहीं दिखे। बच्चों से पूछे जाने पर कहा गया कि अभी घंटी बजी है। दूसरे शिक्षक आएंगे।
पेड़ के नीचे लगा रखी थी तीन कक्षाएं
स्कूल की एक शिक्षिका कक्षा एक से लेकर तीन तक के करीब 30 बच्चों को एक पेड़ के नीचे अक्षर ज्ञान दे रही थी। जो गुरुकुल की याद दिला रहा था।
स्कूल में बच्चों की बेहतर उपस्थिति
स्कूल के प्राचार्य राम रतन कुमार ने बताया कि इस संसाधन विहीन स्कूल में बेहतर पढ़ाई के कारण आसपास के गांवों से सबसे अधिक बच्चे आते हैं। मौके पर 281 नामांकित बच्चों में से 243 उपस्थित पाए गए। सात में से छह शिक्षक भी स्कूल में उपस्थित थे। प्राचार्य से पूछे जाने पर बताया गया कि एक शिक्षक आवेदन देकर छुट्टी पर हैं। बरसात के दिनों में यह स्कूल बच्चों के पढ़ने लायक नहीं रह जाता है। संसाधनों की यहां घोर कमी के साथ यह स्कूल पूरी तरह असुरक्षित है। यहां बराबर चोरी की घटनाएं होती रहती है। विभाग को वस्तु स्थिति की जानकारी दे दी गई है।
खेल सामग्रियां कूड़ों में तब्दील
स्कूल में ढेर सारी खेल सामग्रियां भी दिखी पर सब कुछ कूड़ों में तब्दील हो चुका था। बच्चों ने बताया यहां मनोरंजन का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। पुरानी ही सही सभी बच्चों को पुस्तक उपलब्ध करा दी गई है। आज से मिड डे मिल बंद है। पीने के पानी के नाम पर एक चापकल है जो गंदा पानी देता है।
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सुबह 10:00 बजे
बिना सूचना के प्रधानाचार्य गायब
कन्या मध्य विद्यालय खानकित्ता में पदस्थापित प्रधानाध्यापक जयदीप कुमार बिना सूचना के स्कूल से गायब मिले। वहां कक्षा ले रही शिक्षिकाओं से पूछे जाने पर एक ने कहा बीआरसी गए हैं तो दूसरे ने चुनाव कार्य से टाउन हाल जाने की बात कही। जबकि स्कूल प्रधान ने अनुपस्थित रहने की किसी शिक्षिकाओं को सूचना नहीं दे रखी थी।
लचर थी स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था
किसी सूचना के बगैर स्कूल से प्राधानाचार्य का गायब रहना वहां की लचर शैक्षणिक व्यवस्था को प्रदर्शित कर रहा था। कक्षा में बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली खुद शिक्षिका कुर्सी पर पैर चढ़ा कर बैठी थी। अन्य कक्षा में भी बच्चों को पढ़ने की महज औपचारिकता निभाई जा रही थी। शिक्षक-शिक्षिकाओं के हिसाब से स्कूल में बच्चों की संख्या बहुत कम थी
विद्यालय की यथास्थिति
कुल शिक्षक शिक्षिकाओं की संख्या : 09
नामांकित बच्चों की संख्या : 184
उपस्थित बच्चों की संख्या : 84
कक्षा वार यूं थी बच्चों की उपस्थिति
प्रथम वर्ग : 05
द्वितीय वर्ग : 04
तृतीय वर्ग : 07
चतुर्थ वर्ग : 12
पंचम वर्ग : 09
पष्ठ वर्ग : 12
सप्तम वर्ग : 19
अष्टम वर्ग : 10
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कुल उपस्थिति : 78
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कोट..
संबंधित स्कूलों की जांच कर दोषी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जहां संसाधनों की कमी है। उसे पूरा करने के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजा जाएगा।
फूल बाबू चौधरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर।