बिहार में एक ही व्यक्ति अब कई जगह शिक्षक नियुक्त होकर वेतन नहीं उठा सकता है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की नियुक्ति में डुप्लीकेसी रोकने के लिए कारगर व्यवस्था की है। इसके साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि का भी कोई अभ्यर्थी सरकारी विद्यालयों में अब शिक्षक नहीं बन पाएगा।
शिक्षा विभाग ने पंचायत और प्रखंड प्रारंभिक तथा जिला परिषद और नगर
निकाय माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए लागू चारों नियोजन नियमावली
में दो बिंदुओं पर महत्वपूर्ण संशोधन किया है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया
है कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को उनका फोटो लगा नियुक्ति
पत्र दिया जाएगा। इसकी प्रति नियोजन इकाई में भी इसी रूप में संरक्षित
रहेगी। गौरतलब है कि इसी 18 अगस्त को बिहार मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद
पिछले सप्ताह ही विभाग की ओर से संशोधित नियुक्ति नियमावली और शिक्षकों की
नयी सेवाशर्तें लागू कर दी गई हैं।
नियमावली में अन्य शर्तें और प्रक्रिया तो पूर्ववत हैं पर इनमें दो नए
प्रावधान किए गए हैं। बात प्रारंभिक की करें तो इसमें पहला अहम बदलाव यह
हुआ है कि अब केवल बिहार के निवासी ही सरकारी स्कूलों में शिक्षक हो
सकेंगे। नियोजन इकाई को आवंटित पदों की संख्या के अनुरूप चयनित अभ्यर्थी को
समिति के सदस्य सचिव के हस्ताक्षर से निबंधित डाक द्वारा चयनितों को
फोटोयुक्त नियुक्ति पत्र भेजा जाएगा। कई जिलों में ऐसे मामले सामने आ चुके
हैं कि एक ही व्यक्ति ने तीन से चार नियोजन इकाइयों में नियुक्ति पाकर सभी
जगहों से वेतन उठा लिया। इसी तरह चयनित के नाम पर किसी अन्य हमनाम ने नौकरी
पा ली। नयी व्यवस्था से इन दोनों प्रकार के फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी।
संशोधित नियमावली में एक बड़ा प्रावधान यह किया गया है कि स्वच्छ छवि के
अभ्यर्थी ही शिक्षक बन पायें। नियमावली में प्रावधान किया गया है कि
नियुक्ति के पूर्व चयनित अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के साथ
चरित्र (पूर्ववृत्त) प्रमाण पत्र भी देना होगा। यह संबंधित जिला के सक्षम
पुलिस पदाधिकारी से लिया जाएगा। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से आपराधिक
प्रवृत्ति के लोगों का शिक्षक बनने का मंसूबा पूरा नहीं हो पाएगा। चरित्र
प्रमाण पत्र जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्गत होगा। यह चयनित अभ्यर्थी
के संबंधित थाने के थानेदार की जांच रिपोर्ट के आधार पर निर्गत होगा,
जिसमें साफ-साफ दर्ज होगा कि इनपर संबंधित थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं
है।
प्रारंभिक शिक्षकों को 30 तो हाईस्कूल में 21 दिन योगदान का समय
प्रारंभिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद 30 दिनों का समय
योगदान के लिए दिया जाएगा। उसके बाद मेधा सूची के आधार पर दूसरे अभ्यर्थी
को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा। वहीं माध्यमिक - उच्च माध्यमिक
शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी होने की तिथि से 21 दिनों के अंदर ज्वॉयन
करना अनिवार्य होगा। अन्यथा की स्थिति में उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जा
सकेगा।