प्रखंड शिक्षक नियोजन समिति के सचिव आशुतोष ने बीईओ अजय को बिना रिक्ति शिक्षकों के नियोजन का आदेश दिया था इसे सिस्टम की पेचीदगी कहें या पैरवी व पहुंच का असर कि आदेश जारी करने वाले अधिकारी पर
आज तक कोई कारवाई शुरू तक नहीं हुई और आदेश का पालन करने वाले एक बीईओ पर कारवाई के लिए प्रपत्र क तक गठित हो गया। शिक्षा विभाग ने बीईओ फारबिसगंज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 9 जनवरी को अररिया प्रखंड शिक्षक नियोजन समिति ने बिना रिक्तियों के 32 शिक्षकों के नियोजन करने का निर्णय अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर लिया था। इस आदेश के आलोक में फारबिसगंज के बीईओ जो कि अररिया के प्रभार में थे ने आदेश का पालन करते हुए नियोजित हुए शिक्षकों का योगदान करा दिया। नियोजित होने वाले और 8 शिक्षक कौन थे यह अब तक रहस्य है। हालांकि खुलासे के बाद नियोजन को रद्द भी कर दिया गया था।पहुंच और पैरवी की वजह से बचे रहे सचिव
बिना
रिक्ति के 32 शिक्षकों का नियोजन करने के मामले का खुलासा दैनिक भास्कर ने
किया था। लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और
जांच शुरू की। जांच में सबसे पहले आदेश जारी करने वाले अररिया प्रखंड
नियोजन समिति के सदस्य सचिव सह बीडीओ पर अंगुली उठना शुरू हुआ। लेकिन पहुंच
व पैरवी की वजह से बीडीओ को क्लीन चिट मिल गया और उस वक्त के प्रभारी बीईओ
अजय कुमार शरण की गर्दन फंस गई।
डीईओ ने प्रपत्र क में आरोप पत्र गठित कर भेजा विभाग
जब
मामला गर्म होने लगा तो तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार मिश्र
ने अररिया बीईओ के रिपोर्ट पर फारबिसगंज बीईओ अजय शरण से दो स्पष्टीकरण
पूछा। जवाब को असंतोष मानते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित करते हुए
प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेज दिया गया।अब विभाग ने विभागीय कार्रवाई की
प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में अजय शरण
से आरोप के विरोध में अपना लिखित अभिकथन मांगा है।
फारबिसगंज बीईओ ने लिया था प्रभार
यहां
बता दें कि अररिया की बीईओ दीपा रानी साहू का एक्सीडेंट में पैर टूट जाने
की वजह से वे 4 दिसम्बर 2019 से 17 फरवरी 2020 तक चिकित्सा अवकाश में थीं।
अररिया प्रखंड में दैनिक कार्यों के लिए डीईओ ने फारबिसगंज बीईओ अजय शरण को
अधिकृत किया। उन्होंने प्रभार के दौरान ही बीडीओ के आदेश का पालन किया था।
24 शिक्षकों की बीईओ ने की रिपोर्ट
अररिया
बीईओ दीपा रानी साहू ने स्थापना डीपीओ के निर्देश पर 32 में से 24
शिक्षकों का ही रिपोर्ट मई महीने में किया था। इसमें उन्होंने नियोजन इकाई
सचिव का बचाव करते हुए प्रभारी बीईओ पर ही आरोप का ठीकरा मोड़ दिया। दिए गए
रिपोर्ट में 24 शिक्षकों के स्कूल व नियोजित अभ्यर्थी का नाम भी दिया।
हालांकि भास्कर के खुलासे और विभाग के जांच के बीच बीडीओ ने डीईओ के
निर्देश पर नियोजन निरस्त कर दिया था।
आदेश जारी करने वाले पर भी होगी कार्रवाई
नियमावली
के अनुसार पहले आदेश जारी करने वाले दोषी होंगे। आदेश का पालन करने वाले
बीईओ पर कारवाई चल रही है। लेकिन संचिका की जांच कर आदेश जारी करने वाले
अधिकारी के खिलाफ डीएम को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
देवनंदन तांती, डीपीओ,स्थापना, शिक्षा विभाग,अररिया।