जिले में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न दलों के समर्थक मतदाताओं को क्षेत्र का विकास करने का भरोसा देकर अपने दल के प्रत्याशी को मत देने के लिए लुभा रहे है।
इन दिनों शिक्षकों व शिक्षाविदों के बीच भी चुनावी चर्चा भी परवान पर है। दैनिक भास्कर से बात करते हुए शिक्षकों ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, युवाओं को रोजगार, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था व महिलाओं को सुरक्षा देने वाली संवेदनशील सरकार का निर्माण करेंगे। शिक्षाविदों ने शिक्षा में मची लूट-खसोट को समाप्त कराने तथा सरकारी स्कूलों व अस्पतालों का बेहतर इंफ्रास्टक्चर तैयार करनी की मांग की। ताकि जनता को मुफ्त में शिक्षा व इलाज का लाभ मिल सकें।लोकतंत्र
के समावेशी विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा की सुलभ पहुंच जरूरी
है। गौरवशाली बिहार की वर्तमान स्थिति काफी खराब है। शिक्षा के माध्यम से
ही समाज व राज्य का सर्वांगिण विकास संभव है।
आलोक रंजन, शिक्षक
हमारा
नेता क्षेत्र व समाज की समस्याओं से अवगत होना चाहिए। उसके लिए आवाज बुलंद
कर, निदान के लिए काम करें। स्वच्छ छवि वाला व पढ़ा-लिखा नेता ही हमारा
प्रतिनिधित्व करेगा।
एसएन. झा, शिक्षक
निष्पक्ष,
कर्मठ, ईमानदार व विकास की राजनीति करने वाले नेता को चुनेंगे। जमीनी स्तर
पर लोगों से जुड़ा रहे और सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाला ही हमारा नेता
होगा। वोट अवश्य करें। रामबाबू ठाकुर, शिक्षक
बेरोजगारी
एक की बड़ी समस्या है। रोजगारपरक व्यवसायिक शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने
वाला जनप्रतिनिधि को चुनना चाहिए। कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था का बूरा
हाल है। इसमें सुधार की अपेक्षा है।
अंजुम रेजा, शिक्षक
नयी
सरकार समाज व युवाओं के प्रति वफादार होनी चाहिए। राज्य में गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ महिलाओं को सुरक्षा देने वाला और क्षेत्र का
विकास कराने वाले नेता को ही वोट दें। जितेंद्र माधव, शिक्षक