आरजेडी पर लगातार बाहुबलियों को टिकट देने के आरोप लग रहे हैं। आरजेडी ने अपने वेबसाइट पर इस बात की जानकारी भी दी है कि उसने 38 आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। लेकिन अररिया के रानीगंज सीट से आरजेडी ने जिस शख्स को उम्मीदवार बनाया है, उनकी चर्चा खूब हो रही है। रानीगंज सीट से आरजेडी ने बिलकुल साधारण कार्यकर्ता को टिकट दिया है।
तेजस्वी यादव ने रानीगंज सीट से नियोजित शिक्षक रहे अविनाश मंगलम ऋषिदेव को टिकट दिया है। अविनाश मंगलम ऋषिदेव बेहद गरीब मुसहर परिवार से आते हैं। चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने नियोजित शिक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया था। बताया जाता है कि ऋषिदेव ने बड़े-बड़े दिग्गजों को मात देकर यह सीट पाया है। अविनाश की छवि इलाके में साफ-सुथरी है। साथ ही जमीनी स्तर पर अच्छी पकड़ है।
पटना जमे थे कई लोग
दरअसल, रानीगंज सीट से कई दावेदार थे। पटना में क्षेत्र के कई दिग्गज लगातार यहां रुक कर अपनी फिल्डिंग सजा रहे थे। पिछले दिनों पूर्णिया में एक दलित नेता की हत्या भी हुई थी। वह भी रानीगंज सीट से टिकट की मांग कर रहा था। इसके साथ ही जिला अध्यक्ष सुरेश पासवान और प्रदेश सचिव कालो पासवान भी टिकट की दावेदारी जता रहे थे। लेकिन बाजी अविनाश मंगल ऋषिदेव मार ले गए हैं।
2007 में बने थे नियोजित शिक्षक
अविनाश ऋषिदेव के पिता भी रानीगंज सीट से समता पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं, अविनाश मंगल क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगा रहे थे। उन्होंने 12 जनवरी 2007 को बिहार सरकार में नियोजित शिक्षक के रूप में ज्वाइन की थी। अविनाश ने अब सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर सियासी मैदान में नई पारी शुरू की है। इनका मुकाबला जेडीयू के अचमित ऋषिदेव से हैं। इस सीट पर महादलित वोटरों की आबादी अच्छी खासी है। ऐसे अब सबकी निगाहें परिणाम पर ही टिकी है।