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नौकरी की बहार, चुनावी बिहार: कल तक 10 लाख नौकरियों पर तेजस्वी को चिढ़ाने वाली BJP ने किया 19 लाख नौकरी का वादा

 बिहार के विधानसभा चुनाव में रोजगार और नौकरी का मुद्दा सभी मुद्दों पर भारी पड़ रहा है। सभी मुख्य राजनीतिक दलों ने अपने घोषणा पत्र में नौकरियों का वादा किया है। पेंशन, किसानों के लिए कृषि कानून विरोधी प्रस्ताव, फ्री कोरोना वैक्सीन जैसे वादे तो हैं ही।

बीजेपी ने गुरुवार को बिहार के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया। इसमें अगले 5 साल के दौरान 19 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है। इसमें 3 लाख शिक्षकों की भर्ती, आईटी सेक्टर में 5 लाख लोगों की नौकरी और चिकित्सा क्षेत्र में एक लाख लोगों को नौकरी देने का वादा है।

लेकिन बीजेपी का 19 लाख नौकरियों का वादा ऐसे वक्त में आया है जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को इस बात के लिए चिढ़ा रहे थे कि आखिर 10 लाख लोगों को नौकरी देने के लिए पैसा कहां से आएगा। सुशीम मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर पूरा गणित समझाया था कि अगर नए प्रोफेशनल को नौकरी देनी है तो इससे सरकार पर 58,415 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

गौरतलब है कि आरजेडी, कांग्रेस और वादलों के महागठबंधन ने बिहार के लिए 17 अक्टूबर को जारी अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सरकार बनते ही 10 लाख लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। इसके पीछे गणित यह था कि एनडीए सरकार के दौरान खाली पड़े 4.5 लाख नौकरियों को भरा जाएगा साथ ही 5.5 लाख नई नौकरियां दी जाएंगी। साथ ही महागठबंधन ने मनरेगा के कार्यदिवस 200 करने का भी वादा किया है।

सुशील मोदी के कटाक्ष का तेजस्वी यादव ने ट्वीट से ही जवाब दिया था। उन्होंने लिखा था कि, "नीतीश जी, आजकल कुछ भी बोल रहे है। शायद वो भूल गए हैं कि बिहार का वित्तीय बजट 2,11,761 करोड़ है, जिसका 40 फीसदी उनकी सरकार अपनी ढुलमुल, ग़ैर-ज़िम्मेदारना, भ्रष्ट और लचर नीतियों के कारण खर्च ही नहीं कर पाती है और अंत में नाकामियों के कारण 80 हज़ार करोड़ रुपये हर वर्ष सरेंडर होता है।" वहीं आरजेडी ने भी सुशील मोदी को करारा जवाब दिया।

उधर कांग्रेस ने भी बीजेपी के नौकरी वाले वादे पर सवाल उठाया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि बिहार को विशेष दर्जा देने के वादे का आखिर क्या हुआ? सुरेजवाला ने इसे झूठे वादों का घोषणा पत्र बताते हुए कहा कि इसमें तो विशेष दर्जे का जिक्र तक नहीं है। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार और सुशील मोदी कहते हैं कि नौकरियां देने के लिए 58000 करोड़ रुपए नहीं हैं, तो फिर यह 19 लाख नौकरियां कहां से देंगे?"

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