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राजद का घोषणापत्र जारी, रोजगार और स्मार्ट गांव से लेकर उच्च शिक्षा के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश

 बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शनिवार को पटना में अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव और पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा समेत कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। इस घोषणापत्र को 'हमारा प्रण, संकल्प बदलाव का' नाम दिया गया है।

राजद की तरफ से घोषणापत्र में 10 लाख नौकरी देने के वादे को दोहराया गया है। इसके अलावा बेरोजगार युवाओं को 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी किया गया है। वहीं, घोषणापत्र में कहा गया है कि सरकारी नौकरियों के फॉर्म भरने के लिए बिहार के युवाओं को आवेदन शुल्क नहीं देना होगा।  
 
घोषणापत्र में रोजगार, कृषि, उद्योग, उच्च शिक्षा, महिला सशक्तिकरण से लेकर स्मार्ट गांव तक पर जोर दिया गया है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज, स्वास्थ्य सेवा, खेल नीति सहित कुल 17 मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। 

राजद की तरफ से वादा किया गया है कि सरकारी नौकरी में बिहार के युवाओं को तरजीह देने के लिए राज्य सरकार डोमिसाइल पॉलिसी लाएगी। सरकारी नौकरियों के 85 प्रतिशत पद बिहार के युवाओं के लिए आरक्षित होंगे। इसके अलावा किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई है। 

घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख स्थाई नौकरियों पर मुहर लगाई जाएगी। साथ ही रोजगार और स्वरोजगार में नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया जाएगा। 

इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा, भाजपा वाले बताएं कि उनका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है, नीतीश कुमार हैं? नीतीश कुमार ने तो 10 लाख नौकरियों पर ही हाथ खड़े कर दिए थे कि कहां से देंगे। तो भाजपा कहां से देगी, नेतृत्व तो नीतीश कुमार कर रहे हैं, तो ये बेवकूफ किसे बना रहे हैं। 

राजद द्वारा जारी घोषणापत्र में किए गए मुख्य वादे:
  • नए स्थायी पदों का सृजन कर के कुल 10 लाख नौकरियों की समय बाद बहाली की प्रक्रिया पहले ही कैबिनेट बैठक में पहली दस्तखत के साथ शुरू होगी। 
  • संविदा प्रथा का खात्मा कर सभी कर्मचारियों को स्थाई कर समान काम समान वेतन दिया जाएगा। 
  • सभी विभागों में निजीकरण को समाप्त किया जाएगा। 
  • बिहार में किसान आयोग, व्यवसायी आयोग, युवा आयोग और खेल आयोग का गठन किया जाएगा। 
  • प्रसव सहयोग 1400 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये किया जाएगा और आंगनबाड़ी और आशा दीदियों का मानदेय दोगुना किया जाएगा। 
  • श्रमिकों के हित में सरकारी विभागों उपक्रमों को निजी हाथों में जाने से रोकने का प्रावधान किया जाएगा। 
  • रोजगार प्रक्रिया में गैर-सरकारी बिचौलियों एजेंसियों को हटाकर सीधा युवाओं को लाभ दिया जाएगा। 
  • हेल्थ केयर सेक्टर में निजी एवं असंगठित क्षेत्रों के माध्यम से प्रत्यक्ष नौकरियों व परोक्ष रोजगार के लाखों अवसर सृजित किए जाएंगे।
  • कॉरपोरेट जगत के तकनीकी प्रशिक्षकों की देखरेख में सरकारी निर्देशानुसार कौशल विकास केंद्रों की स्थापना होगी जहां परंपरागत कौशल के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रश्न कौशल सॉफ्ट स्किल्स का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • कार्यालय सहायक, सांख्यिकी स्वयं सेवक, लाइब्रेरियन ,उर्दू शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका, आशा कर्मी,  ग्रामीण चिकित्सकों, जीविका दीदियों की मांगों को पूरा किया जाएगा। 

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