पूर्णिया [मनोज कुमार]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने
सोमवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित प्रमंडल स्तरीय दलित-महादलित
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आरक्षण रोकने की ताकत किसी में नहीं
है। विकास के लिए वे हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। लोगों को भी विकास
योजनाओं की मॉनिटरिंग करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व पूर्णिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया।
सरकार चला रही दलित उत्थन की कई योजनाएं उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को राजनीतिक-आर्थिक ताकत दिलाने के लिए वे लगातार काम कर रहे हैं। हाशिए पर के लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इनके उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में हुअा काम, निकला परिणाम कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने से पहले स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या 12.5 फीसद थी। इनमें दलित, महादलित एवं अल्पसंख्यक अधिक थे। आज स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या मात्र एक फीसद है। एससी-एसटी समुदाय के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों का निर्माण किया गया है। छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को मुफ्त अनाज और प्रति माह एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत चार लाख रुपये का ऋण दिया जा रहा है। एससी-एसटी छात्र को बीपीएसी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर पचास हजार और यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा निकालने पर एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं। उन्हें उद्यम लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है तथा 50 फीसद अनुदान पर 10 लाख तक का ऋण दिया जा रहा है।
शराबबंदी से प्रभावित लोगों को वैकल्पिक रोजगार शराबबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो गरीब परिवार के लोग इस धंधे से जुड़े थे, उनका सर्वेक्षण कराया जा रहा है। उनके रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने सात निश्चय और मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का भी जिक्र किया। कहा कि ग्रामीणों के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए हर पंचायत में पांच-पांच छोटे वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। बाल विवाह और दहेज प्रथा को हतोत्साहित करने का भी उन्होंने अनुरोध किया।
शिक्षा के साथ आगे बढ़ें लोग उन्होंने लोगों से कहा कि अपने बच्चों को शिक्षित कर वे बुलंदी के साथ आगे बढ़ें। सबके विकास से ही राज्य और देश का विकास संभव है। कार्यक्रम के दौरान ऊर्दू-बांग्ला टीईटी पास संघ के तत्वावधान मेें कुछ युवाओं ने हंगामा भी किया। ये शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में दोबारा काउंसेलिंग की मांग कर रहे थे। सीएम ने इनसे आवेदन देने को कहा।
कार्यक्रम में ये भी थे शामिल कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, परिवहन मंत्री संतोष निराला, आपदा प्रबंधन मंत्री मंत्री दिनेश चंद्र यादव, खनन एवं भूतत्व मंत्री विनोद कुमार सिंह, कला एवं संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद सह जदयू संगठन प्रभारी आरसीपी सिंह व सांसद संतोष कुमार कुशवाहा आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व पूर्णिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया।
सरकार चला रही दलित उत्थन की कई योजनाएं उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को राजनीतिक-आर्थिक ताकत दिलाने के लिए वे लगातार काम कर रहे हैं। हाशिए पर के लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इनके उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में हुअा काम, निकला परिणाम कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने से पहले स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या 12.5 फीसद थी। इनमें दलित, महादलित एवं अल्पसंख्यक अधिक थे। आज स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या मात्र एक फीसद है। एससी-एसटी समुदाय के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों का निर्माण किया गया है। छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को मुफ्त अनाज और प्रति माह एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत चार लाख रुपये का ऋण दिया जा रहा है। एससी-एसटी छात्र को बीपीएसी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर पचास हजार और यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा निकालने पर एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं। उन्हें उद्यम लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है तथा 50 फीसद अनुदान पर 10 लाख तक का ऋण दिया जा रहा है।
शराबबंदी से प्रभावित लोगों को वैकल्पिक रोजगार शराबबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो गरीब परिवार के लोग इस धंधे से जुड़े थे, उनका सर्वेक्षण कराया जा रहा है। उनके रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने सात निश्चय और मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का भी जिक्र किया। कहा कि ग्रामीणों के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए हर पंचायत में पांच-पांच छोटे वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। बाल विवाह और दहेज प्रथा को हतोत्साहित करने का भी उन्होंने अनुरोध किया।
शिक्षा के साथ आगे बढ़ें लोग उन्होंने लोगों से कहा कि अपने बच्चों को शिक्षित कर वे बुलंदी के साथ आगे बढ़ें। सबके विकास से ही राज्य और देश का विकास संभव है। कार्यक्रम के दौरान ऊर्दू-बांग्ला टीईटी पास संघ के तत्वावधान मेें कुछ युवाओं ने हंगामा भी किया। ये शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में दोबारा काउंसेलिंग की मांग कर रहे थे। सीएम ने इनसे आवेदन देने को कहा।
कार्यक्रम में ये भी थे शामिल कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, परिवहन मंत्री संतोष निराला, आपदा प्रबंधन मंत्री मंत्री दिनेश चंद्र यादव, खनन एवं भूतत्व मंत्री विनोद कुमार सिंह, कला एवं संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद सह जदयू संगठन प्रभारी आरसीपी सिंह व सांसद संतोष कुमार कुशवाहा आदि उपस्थित थे।