पटना. राज्य में अब भी लगभग 93 हजार शिक्षकों के
फोल्डर गायब हैं। फर्जी शिक्षक बहाली मामले नियोजन इकाई के जनप्रतिनिधियों
और अधिकारियों पर लगभग 350 एफआईआर दर्ज कराए गए हैं। लगातार आदेश के बाद भी
नियोजन इकाइयां नियोजित शिक्षकों के नियोजन संबंधी फोल्डर निगरानी के
अधिकारियों को उपलब्ध नहीं करा रही हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए
शिक्षा विभाग ने दोषी संबंधित सभी नियोजन इकाइयों के सचिव प्रखंड विकास
पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और पंचायत सचिव सहित अन्य अधिकारियों
पर एफआईआर का निर्देश दिया।
बुधवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक मो. गयासुद्दीन और उप निदेशक शिवशंकर राय ने शिक्षकों के फोल्डर जांच मामले पर जिलों के डीईओ और डीपीओ (स्थापना) को निर्देश दिया कि सभी फोल्डर निगरानी को सौंप दें। जो नियोजन इकाई शिक्षकों के फोल्डर नहीं दे रहा है, उसके संबंधित दोषी अधिकारियों पर एफआईआर और पूरी रिपोर्ट मांगा है। फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों को हटाने और एफआईआर के लिए कहा गया। 14 मार्च को अपर मुख्य सचिव आरके महाजन सभी डीईओ, डीपीओ (स्थापना) और निगरानी विभाग के जिला और राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
हालांकि इसके पहले 19 जनवरी को मुख्यालय में हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ने फरवरी तक सभी फोल्डर निगरानी को सौंपने का निर्देश दिया था। बावजूद सभी फोल्डर जमा निगरानी को नहीं सौंपे गए हैं। साथ ही फर्जी शिक्षकों को भी नहीं हटाया जा सका है। नियोजन इकाइयों से शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिलने के मामले में पंचायती राज और नगर विकास विभाग को पत्र भेज कर संबंधित जनप्रतिनियों और कर्मियों पर भी कार्रवाई के पत्र भेजने का निर्देश दिया।
पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से शिक्षकों के नियोजन में गड़बड़ी की शिकायत के बाद हाईकोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट और अन्य कागजात जांच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद निगरानी से सभी शिक्षकों के नियोजन संबंधी फोल्डर जांच का आदेश दिया गया है। दो साल से अधिक समय से फोल्डर जांच की कार्रवाई चल रही है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। समीक्षा में पाया गया कि जिला स्तर पर फोल्डर नहीं मिलने के केस काफी कम हैं। सबसे अधिक 90 प्रतिशत फोल्डर पंचायत नियोजन इकाइयों से नहीं मिल रहे हैं।
बुधवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक मो. गयासुद्दीन और उप निदेशक शिवशंकर राय ने शिक्षकों के फोल्डर जांच मामले पर जिलों के डीईओ और डीपीओ (स्थापना) को निर्देश दिया कि सभी फोल्डर निगरानी को सौंप दें। जो नियोजन इकाई शिक्षकों के फोल्डर नहीं दे रहा है, उसके संबंधित दोषी अधिकारियों पर एफआईआर और पूरी रिपोर्ट मांगा है। फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों को हटाने और एफआईआर के लिए कहा गया। 14 मार्च को अपर मुख्य सचिव आरके महाजन सभी डीईओ, डीपीओ (स्थापना) और निगरानी विभाग के जिला और राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
हालांकि इसके पहले 19 जनवरी को मुख्यालय में हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ने फरवरी तक सभी फोल्डर निगरानी को सौंपने का निर्देश दिया था। बावजूद सभी फोल्डर जमा निगरानी को नहीं सौंपे गए हैं। साथ ही फर्जी शिक्षकों को भी नहीं हटाया जा सका है। नियोजन इकाइयों से शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिलने के मामले में पंचायती राज और नगर विकास विभाग को पत्र भेज कर संबंधित जनप्रतिनियों और कर्मियों पर भी कार्रवाई के पत्र भेजने का निर्देश दिया।
पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से शिक्षकों के नियोजन में गड़बड़ी की शिकायत के बाद हाईकोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट और अन्य कागजात जांच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद निगरानी से सभी शिक्षकों के नियोजन संबंधी फोल्डर जांच का आदेश दिया गया है। दो साल से अधिक समय से फोल्डर जांच की कार्रवाई चल रही है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। समीक्षा में पाया गया कि जिला स्तर पर फोल्डर नहीं मिलने के केस काफी कम हैं। सबसे अधिक 90 प्रतिशत फोल्डर पंचायत नियोजन इकाइयों से नहीं मिल रहे हैं।