शिक्षक नियोजन में फर्जी अंक पत्र और प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों
पर कार्रवाई शुरू हो गयी है। निगरानी विभाग ने सदर प्रखंड के पांच तत्कालीन
मुखिया, पांच पंचायत सचिव और पांच शिक्षकों पर केस दर्ज कराया है। निगरानी
के इंस्पेक्टर श्याम बाबू प्रसाद के आवेदन पर सदर थाना में तीन नवंबर को
प्राथमिकी दर्ज की गयी।
हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी ने नियोजित शिक्षकों के अंक पत्र और प्रमाण पत्र की जांच की। टीम ने जांच में वर्ष साल 2006 से 2015 तक की अवधि में सुपौल के सदर प्रखंड के अमहा, लाउढ़, हरदी पश्चिम और गोपालपुर सिरे की नियोजन इकाइयों द्वारा नियुक्त पांच शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र अवैध पाया।
निगरानी के मुताबिक, इन पांच 5 शिक्षकों में लाउढ़ पंचायत की शिक्षिका पूनम कुमारी और निर्मला कुमारी, अमहा की पंचायत शिक्षिका प्रतिभा कुमारी, गोपालपुर सिरे पंचायत की आरती सिंह और हरदी पश्चिम पंचायत की पंचायत शिक्षिका विभा कुमारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच में अनियमितता पायी गयी। इसमें अभ्यर्थियों के मूल अंक से अधिक अंक मेधा सूची में अंकित कर नियुक्ति, रोस्टर अंक पत्र में छेड़छाड़ कर तैयार अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति जैसी गड़बड़ी पायी गयी है।
ये तत्कालीन मुखिया व पंचायत सचिव पर शिकंजा
सदर प्रखंड के लाउढ़ पंचायत के 2005 के तत्कालीन मुखिया सूर्यनारायण चौधरी, 2006 के तत्कालीन मुखिया राजेन्द्र प्रसाद यादव, पंचायत सचिव सतीश राम, अमहा पंचायत के 2006 में तत्कालीन मुखिया गोपाल यादव और पंचायत सचिव शिवनारायण मंडल, गोपालपुर सिरे की तत्कालीन मुखिया रजिया खातून और पंचायत सचिव शालीग्राम मेहता जबकि हरदी पश्चिम की तत्कालीन मुखिया गीता हाजरा और पंचायत सचिव अशोक मंडल के अलावा पांचों शिक्षिका पर केस दर्ज कराया गया है।
हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी ने नियोजित शिक्षकों के अंक पत्र और प्रमाण पत्र की जांच की। टीम ने जांच में वर्ष साल 2006 से 2015 तक की अवधि में सुपौल के सदर प्रखंड के अमहा, लाउढ़, हरदी पश्चिम और गोपालपुर सिरे की नियोजन इकाइयों द्वारा नियुक्त पांच शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र अवैध पाया।
निगरानी के मुताबिक, इन पांच 5 शिक्षकों में लाउढ़ पंचायत की शिक्षिका पूनम कुमारी और निर्मला कुमारी, अमहा की पंचायत शिक्षिका प्रतिभा कुमारी, गोपालपुर सिरे पंचायत की आरती सिंह और हरदी पश्चिम पंचायत की पंचायत शिक्षिका विभा कुमारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच में अनियमितता पायी गयी। इसमें अभ्यर्थियों के मूल अंक से अधिक अंक मेधा सूची में अंकित कर नियुक्ति, रोस्टर अंक पत्र में छेड़छाड़ कर तैयार अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति जैसी गड़बड़ी पायी गयी है।
ये तत्कालीन मुखिया व पंचायत सचिव पर शिकंजा
सदर प्रखंड के लाउढ़ पंचायत के 2005 के तत्कालीन मुखिया सूर्यनारायण चौधरी, 2006 के तत्कालीन मुखिया राजेन्द्र प्रसाद यादव, पंचायत सचिव सतीश राम, अमहा पंचायत के 2006 में तत्कालीन मुखिया गोपाल यादव और पंचायत सचिव शिवनारायण मंडल, गोपालपुर सिरे की तत्कालीन मुखिया रजिया खातून और पंचायत सचिव शालीग्राम मेहता जबकि हरदी पश्चिम की तत्कालीन मुखिया गीता हाजरा और पंचायत सचिव अशोक मंडल के अलावा पांचों शिक्षिका पर केस दर्ज कराया गया है।