रोहतास। फर्जी कागजात तैयार कर शिक्षक की नौकरी पाने व उन्हें अब तक
बचाने वालों पर दिन प्रतिदिन शिकंजा कसता ही जा रहा है। निगरानी के निर्देश
के बावजूद अब तक नियोजित शिक्षकों के फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने वाले
नियोजन इकाई के सचिव पर आरोप पत्र गठित व उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई
शुरू की जाएगी। इसे ले शिक्षा विभाग ने पंचायती राज विभाग के अधिकारी को
पत्र भेज जिले के 173 पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव के विरुद्ध
विभागीय कार्रवाई करने को कहा है।
इन इकाइयों के विरुद्ध पिछले वर्ष विभाग ने संबंधित क्षेत्र के थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। साथ ही वैसे शिक्षकों की भी सूची तलब की है, जिनके विरूद्ध निगरानी द्वारा एफआइआर दर्ज कराने के बाद भी वे नौकरी बने में हुए है। साथ ही वैसे शिक्षकों का भी ब्योरा मांगा है, जो इस्तीफा देने के बाद उनका दोबारा नियोजन किया है। सक्षम अधिकारी को विभाग ने लिखा पत्र :
फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने वाले चाहे वह पंचायत नियोजन इकाई हो या फिर प्रखंड व नगर। जिसके विरूद्ध शिक्षा विभाग ने लगभग एक वर्ष पूर्व प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसके सचिव के खिलाफ आरोप पत्र गठित व विभागीय कार्रवाई करने संबंधी पत्र सक्षम अधिकारी को पत्र भेजने का कार्य शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी की माने तो पंचायत इकाई के लिए डीएम के अलावा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है, ताकि कार्रवाई से प्रधान सचिव को अवगत कराया जा सके। चार हजार शिक्षकों का फोल्डर है गायब :
वर्ष 2002 से 2015 तक प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियोजित आठ हजार से अधिक शिक्षकों में से अभी तकरीबन चार हजार शिक्षकों का फोल्डर निगरानी को उपलब्ध नहीं हो पाया है। जिससे इन शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित संस्थानों से हो सके। जबकि इसके लिए निगरानी ने डीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारी को पत्र भेज शेष फोल्डरों को उपलब्ध कराने का आग्रह कर चुका है। फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने वाले लगभग पौने दो सौ इकाई के सचिवों पर पिछले साल प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
इन इकाइयों के विरुद्ध पिछले वर्ष विभाग ने संबंधित क्षेत्र के थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। साथ ही वैसे शिक्षकों की भी सूची तलब की है, जिनके विरूद्ध निगरानी द्वारा एफआइआर दर्ज कराने के बाद भी वे नौकरी बने में हुए है। साथ ही वैसे शिक्षकों का भी ब्योरा मांगा है, जो इस्तीफा देने के बाद उनका दोबारा नियोजन किया है। सक्षम अधिकारी को विभाग ने लिखा पत्र :
फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने वाले चाहे वह पंचायत नियोजन इकाई हो या फिर प्रखंड व नगर। जिसके विरूद्ध शिक्षा विभाग ने लगभग एक वर्ष पूर्व प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसके सचिव के खिलाफ आरोप पत्र गठित व विभागीय कार्रवाई करने संबंधी पत्र सक्षम अधिकारी को पत्र भेजने का कार्य शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी की माने तो पंचायत इकाई के लिए डीएम के अलावा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है, ताकि कार्रवाई से प्रधान सचिव को अवगत कराया जा सके। चार हजार शिक्षकों का फोल्डर है गायब :
वर्ष 2002 से 2015 तक प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियोजित आठ हजार से अधिक शिक्षकों में से अभी तकरीबन चार हजार शिक्षकों का फोल्डर निगरानी को उपलब्ध नहीं हो पाया है। जिससे इन शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित संस्थानों से हो सके। जबकि इसके लिए निगरानी ने डीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारी को पत्र भेज शेष फोल्डरों को उपलब्ध कराने का आग्रह कर चुका है। फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने वाले लगभग पौने दो सौ इकाई के सचिवों पर पिछले साल प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।