जागरण संवाददाता, सुपौल: इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2019 के व्यावहारिक
उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए वैसे प्रधान परीक्षक एवं सह परीक्षक जिन्होंने
5 मार्च तक निर्धारित केंद्रों पर योगदान नहीं किए उनके विरुद्ध जिला
शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर सदर थाने में थाना कांड संख्या 138/19 दर्ज
किया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष राजेश कुमार मंडल ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुपौल के आवेदन पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अधिनियम 1981 के तहत थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बताते चलें कि ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा था। जारी आदेश में डीईओ ने कहा था कि जिले में 2 मार्च से इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है। मूल्यांकन कार्य को सुचारु रूप से चलाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिले में स्थापित किए गए तीन मूल्यांकन केंद्रों के लिए अलग-अलग परीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की थी। जिन्हें 2 मार्च को ही योगदान देना था। 2 मार्च तक योगदान नहीं देने वाले परीक्षकों को एक और मौका देते हुए परीक्षा समिति ने 5 मार्च तक हर हाल में केंद्रों पर योगदान देने का आदेश जारी किया था। परंतु मूल्यांकन केंद्र के निदेशक द्वारा 5 मार्च तक योगदान नहीं देने वाले परीक्षकों की सूची सौंपी गई थी। जिसके तहत तीनों मूल्यांकन केंद्रों पर कुल 89 परीक्षकों ने योगदान नहीं दिया था। ऐसे परीक्षकों के विरुद्ध बिहार विद्यालय परीक्षा संचालक अधिनियम 1981 के प्रावधान एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को देते हुए अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा था।
इस संबंध में जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष राजेश कुमार मंडल ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुपौल के आवेदन पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अधिनियम 1981 के तहत थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बताते चलें कि ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा था। जारी आदेश में डीईओ ने कहा था कि जिले में 2 मार्च से इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है। मूल्यांकन कार्य को सुचारु रूप से चलाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिले में स्थापित किए गए तीन मूल्यांकन केंद्रों के लिए अलग-अलग परीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की थी। जिन्हें 2 मार्च को ही योगदान देना था। 2 मार्च तक योगदान नहीं देने वाले परीक्षकों को एक और मौका देते हुए परीक्षा समिति ने 5 मार्च तक हर हाल में केंद्रों पर योगदान देने का आदेश जारी किया था। परंतु मूल्यांकन केंद्र के निदेशक द्वारा 5 मार्च तक योगदान नहीं देने वाले परीक्षकों की सूची सौंपी गई थी। जिसके तहत तीनों मूल्यांकन केंद्रों पर कुल 89 परीक्षकों ने योगदान नहीं दिया था। ऐसे परीक्षकों के विरुद्ध बिहार विद्यालय परीक्षा संचालक अधिनियम 1981 के प्रावधान एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को देते हुए अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा था।