मरौना : शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ द्वारा गत 18 नवंबर को निलंबित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदराही के शिक्षक दयानंद सरस्वती को निलंबन से मुक्त कर मूल विद्यालय में ही पुनः पदस्थापित करने की अनुशंसा की गयी है.
गौरतलब है कि बोदराही पंचायत प्रतिनिधि सहित कुछ ग्रामीणों द्वारा श्री सरस्वती के चरित्र को विवादित करार देते हुए उन्हें विद्यालय में पुनः पदस्थापित नहीं करने का आग्रह किया था. आरोप था कि बच्चों को डरा धमका कर शिक्षक द्वारा उन्हें विद्यालय आने से रोका जाता है.
जिसके बाद मरौना बीइओ के माध्यम से प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा आरोपों की जांच करायी गयी. जिसका जांच प्रतिवेदन 16 मार्च को समर्पित किया गया था. इसके उपरांत नियोजन इकाई ने एक संक्षिप्त बैठक कर श्री सरस्वती को समाज में राजनीति नहीं करने और पठन-पठान में रुचि लेने की चेतावनी के साथ निलंबन मुक्त करते हुए मूल विद्यालय में योगदान का निर्देश दिया गया. एक अन्य प्रकरण में प्राथमिक विद्यालय पंचभिंडा के विमल कुमार विमल व इंदु कुमारी को जिला स्तर से निलंबन मुक्त करने के लिए पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई हरड़ी को पत्र दिया गया है.
प्रखंड कार्यालय को अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ गोप गुट के प्रखंड इकाई अध्यक्ष रामबालक यादव परिकोच द्वारा पत्राचार के माध्यम से प्रखंड कार्यालय को सूचित किया गया है की निलंबित तीनों शिक्षकों के निलंबन के विरोध में अनुमंडल कार्यालय निर्मली के समक्ष दिनांक 27 मार्च से आमरण अनशन किया जायेगा. गौरतलब है कि हरड़ी पंचायत के बोदराही गांव निवासी पुरुषोत्तम यादव द्वारा एक आवेदन पत्र जिलाधिकारी सुपौल को दिया गया था.
जिसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदराही के प्रभारी प्रधानाध्यापक दयानंद सरस्वती पर एमडीएम की चावल चोरी का आरोप लगाया गया था. जांच के उपरांत श्री सरस्वती को निलंबित करने की अनुशंसा एमडीएम डीपीओ द्वारा डीइओ से की गयी थी. जिसके बाद स्थापना डीपीओ द्वारा निलंबन आदेश जारी किया गया.
गौरतलब है कि बोदराही पंचायत प्रतिनिधि सहित कुछ ग्रामीणों द्वारा श्री सरस्वती के चरित्र को विवादित करार देते हुए उन्हें विद्यालय में पुनः पदस्थापित नहीं करने का आग्रह किया था. आरोप था कि बच्चों को डरा धमका कर शिक्षक द्वारा उन्हें विद्यालय आने से रोका जाता है.
जिसके बाद मरौना बीइओ के माध्यम से प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा आरोपों की जांच करायी गयी. जिसका जांच प्रतिवेदन 16 मार्च को समर्पित किया गया था. इसके उपरांत नियोजन इकाई ने एक संक्षिप्त बैठक कर श्री सरस्वती को समाज में राजनीति नहीं करने और पठन-पठान में रुचि लेने की चेतावनी के साथ निलंबन मुक्त करते हुए मूल विद्यालय में योगदान का निर्देश दिया गया. एक अन्य प्रकरण में प्राथमिक विद्यालय पंचभिंडा के विमल कुमार विमल व इंदु कुमारी को जिला स्तर से निलंबन मुक्त करने के लिए पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई हरड़ी को पत्र दिया गया है.
प्रखंड कार्यालय को अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ गोप गुट के प्रखंड इकाई अध्यक्ष रामबालक यादव परिकोच द्वारा पत्राचार के माध्यम से प्रखंड कार्यालय को सूचित किया गया है की निलंबित तीनों शिक्षकों के निलंबन के विरोध में अनुमंडल कार्यालय निर्मली के समक्ष दिनांक 27 मार्च से आमरण अनशन किया जायेगा. गौरतलब है कि हरड़ी पंचायत के बोदराही गांव निवासी पुरुषोत्तम यादव द्वारा एक आवेदन पत्र जिलाधिकारी सुपौल को दिया गया था.
जिसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदराही के प्रभारी प्रधानाध्यापक दयानंद सरस्वती पर एमडीएम की चावल चोरी का आरोप लगाया गया था. जांच के उपरांत श्री सरस्वती को निलंबित करने की अनुशंसा एमडीएम डीपीओ द्वारा डीइओ से की गयी थी. जिसके बाद स्थापना डीपीओ द्वारा निलंबन आदेश जारी किया गया.