Random-Post

ऑनलाइन ट्रैकिंग के दायरे में गुरु जी

सख्ती. पीएफएमएस साॅफ्टवेयर से होगी एमडीएम बजट की निगरानी

मिड से मील नहीं बनेगा, तो होगी प्रशासनिक कार्रवाई
 बक्सर : अब मिड डे मील में दिये जानेवाले बजट की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जायेगी. कोई भी शिक्षक यह नहीं कह सकेगा कि बजट के अभाव में मिड डे मील नहीं बना है. खाते में धनराशि होने के बावजूद वह कहता है कि मिड डे मील नहीं बना, तो उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी. गुरु जी की बढ़ रही मनमानी पर रोकथाम के लिए मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय पटना पीएफएमएस (पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम) नाम का साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट करा रहा है. इसे प्रदेश के सभी जिलों के मिड डे मील खातों से लिंक कराया जायेगा. योजना को मूर्त रूप देने के लिए विभागीय निदेशक ने प्रदेश के सभी जिलों के मिड डे मील समन्वयक से स्कूलों का नाम, उनके बैंक खाते व आइएफसी कोड मांगे हैं.
मनमानी पर लगेगा विराम : दरअसल, स्कूलों में मिड डे मील बन रहा है कि नहीं,
 
इसकी पड़ताल करने के लिए प्रतिदिन प्रधानाध्यापक के मोबाइल पर दैनिक अनुश्रवण प्रणाली पटना से कॉल आती है. इसमें यह पूछा जाता है कि आज कितने बच्चों ने भोजन किया. इसमें भोजन नहीं बनने समेत कई विकल्प देकर संबंधित नंबर दबाने की बात कही जाती है. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को प्रदेश के कई जिलों से प्राप्त हो रही रिपोर्ट में यह देखने को मिला है कि बजट उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर कई प्रधानाध्यापक मिड डे मील नहीं बनवा रहे हैं. ऐसे प्रधानाध्यापकों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए यह साॅफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है. जैसे ही प्रधानाध्यापक मोबाइल पर सूचना दर्ज करायेगा कि बजट नहीं है. पटना में ऑनलाइन ट्रैकिंग कर रही टीम उसके खाते की ऑनलाइन जांच कर लेगी. इसके बाद संबंधित जिले के परियोजना पदाधिकारी के पास संबंधित प्रधानाचार्य या शिक्षक पर कार्रवाई के लिए पटना मुख्यालय से कॉल आयेगी. इसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी.
योजना को मिलेगा गति

मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक हरिहर प्रसाद व एमडीएम के जिला प्रभारी सईद अंसारी ने बताया कि ऑनलाइन ट्रैकिंग मिड डे मील योजना को गति प्रदान करेगी. बजट नहीं होने का बहाना शिक्षक नहीं बना सकेंगे. विभाग ने सभी प्रखंडों के विद्यालयों से बैंक का नाम, स्कूल का नाम समेत कई सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर मांगी है. इसे तैयार करा कर ऑनलाइन विभाग को मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक भेज दी जायेगी. इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद शिक्षक स्कूल में किस तहर बच्चों को मध्याह्न भोजन का संचालन अपने स्कूलों में कर रहे हैं, उसकी जांच अब आसानी से हो जायेगी.

Recent Articles