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लाठीचार्ज की घटना पर गुस्साये िशक्षक , शिक्षकों ने 17 अप्रैल से स्कूलों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी

विरोध. पटना में आंदोलनकारी शिक्षकों पर चला पुिलस का डंडा, संगठनों ने की तीखी निंदा
प्रारंभिक विद्यालयों में होनेवाले मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार का लिया निर्णय
शिक्षकों ने 17 अप्रैल से स्कूलों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी

बेतिया : समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर पटना में आंदोलन कर रहे शिक्षकों की पिटाई का जिले के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने शनिवार को कड़ा विरोध किया है. इस दौरान शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री अशोक कुमार चौधरी का पुतला भी दहन किया.
पंचायत व नगर प्रारंभिक शिक्षक ने पुतला दहन करते हुए कहा कि सरकार की यह कार्रवाई शिक्षकों के अधिकारों का दमन करने वाला है. लेकिन शिक्षक इससे झुकने वाले नहीं है. जिलाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षकों की पिटाई के विरोध में रविवार को भी सीएम व शिक्षामंत्री का पुतला दहन किया जायेगा. साथ ही नियोजित शिक्षक 27 मार्च से होने वाले मूल्यांकन कार्य का भी बहिष्कार करेंगे. मौके पर मो शफी आलम, सिद्धार्थ कुमार तिवारी, राजीव कुमार सिंह, नंदलाल राम, हरेंद्र यादव, रविकेश गिरी, प्रमोद सिंह, चक्रधारी कुमार, मुन्ना ठाकुर, नवीन राम आदि मौजूद रहे.
उधर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बैठक कर सरकार की इस कार्रवाई की तीब्र निंदा की. बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला महासचिव मंकेश्वर राम ने कहा कि अपनी मांगों की समर्थन एवं सरकार की दमनकारी नीति के विरोध में शिक्षक 17 अप्रैल से विद्यालयों में तालाबंदी कर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की बात कही. जिला संयोजक संजय पटेल ने कहा कि अब करो या मरो की स्थिति आ गयी. सभी शिक्षकों को एकजुट होकर सरकार का विरोध करने की जरूरत है.
बैठक में संतोष यादव, मंजूद आमल, खालिद सैफुल्लाह, रमेश गुप्ता, सुभाष वर्मा आदि मौजूद रहे. इधर बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव नर्वोदय ठाकुर ने पटना में शिक्षकों पर हुई लाठीचार्ज की घटना को दुखद बताया़ कहा कि यह सरकार के दिवालियेपन मानसिकता को दर्शाता है. लोकतंत्र में सबको विरोध का अधिकार है. लेकिन सरकार ने शिक्षकों पर लाठी चार्ज कराकर अपनी दमनकारी मानसिकता का परिचय दिया है।

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