आदरणीय प्रदेश अध्यक्ष महोदय।tsunss बिहार।
नमस्कार।
अभी अभी ज्ञात हुआ है की डिसूजा जि शिवेंद्र पाठक और ब्रजवाशि जि तीनो महासंघ के मुद्दे पर सहमत हो गए हैं।
महोदय।मेरा मानना है कि वक्त की नज़ाकत को देखते हुए आपसी मतभिन्नता को दर किनार कर हमारे संघ को भी इस दिशा मे सार्थक प्रयास करने चाहिए ताकि सरकार पर उचित दबाव बनाया जा सके।
यह तो सर्व विदित है कि खंडोंए बंट कर कुछ भी हासिल नही होता।जब धुर विरोधी दल एक हो सकते है और जीत सकते हैं तो हम क्यों नहीं?
हम समझते हैकि हमारे तथाकथित बड़े भाई फिर छलेंगे।पर क्या है न की सरकार से छले जाने से बेहतर है अपनो से ही छला जाना।कम से से कम वे यह तो नही कह सकेंगे की हमने तो पूरी कोशिश की।पर आपके नेता ही साथ नही आए जिस कारण हम कमजोर हुए और सरकार के सामने आपकी मांग नही रख सके।
कृपया इस सुझाव पर ईमानदार मन्थन करने और अमल में लाने की कृपा की जाय।
नमस्कार।
अभी अभी ज्ञात हुआ है की डिसूजा जि शिवेंद्र पाठक और ब्रजवाशि जि तीनो महासंघ के मुद्दे पर सहमत हो गए हैं।
महोदय।मेरा मानना है कि वक्त की नज़ाकत को देखते हुए आपसी मतभिन्नता को दर किनार कर हमारे संघ को भी इस दिशा मे सार्थक प्रयास करने चाहिए ताकि सरकार पर उचित दबाव बनाया जा सके।
यह तो सर्व विदित है कि खंडोंए बंट कर कुछ भी हासिल नही होता।जब धुर विरोधी दल एक हो सकते है और जीत सकते हैं तो हम क्यों नहीं?
हम समझते हैकि हमारे तथाकथित बड़े भाई फिर छलेंगे।पर क्या है न की सरकार से छले जाने से बेहतर है अपनो से ही छला जाना।कम से से कम वे यह तो नही कह सकेंगे की हमने तो पूरी कोशिश की।पर आपके नेता ही साथ नही आए जिस कारण हम कमजोर हुए और सरकार के सामने आपकी मांग नही रख सके।
कृपया इस सुझाव पर ईमानदार मन्थन करने और अमल में लाने की कृपा की जाय।