सुपौल। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की एक बैठक सोमवार को आयोजित की
गई। जिसमें सातवें वेतन को लेकर आगामी 13 जनवरी को शिक्षक द्वारा आक्रोश
पूर्ण धरना कार्यक्रम पर विस्तृत रुप से चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि राज्य सरकार सूबे के चार लाख प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक व पुस्तकालय अध्यक्ष को सातवें वेतन के नाम पर धोखाधड़ी कर रही है। केन्द्र सरकार नियोजित शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष को जुलाई 2015 से ही वेतनमान दी। सेवा शर्त निर्धारण हेतु उच्च स्तरीय कमेटी बनायी गई। परन्तु निर्धारित अवधि में सेवा शर्त लागू नहीं किया गया। सातवें वेतन आयोग के सिफारिश के बाबत राज्य सरकार ने वेतन निर्धारण हेतु कमेटी बनायी। परन्तु वेतन कमेटी के समक्ष सरकार ने नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ देने हेतु दिशा-निर्देश नहीं दिया। जिस कारण सातवें वेतन निर्धारित कमेटी ने नियोजित को अलग रख कर वेतन निर्धारण की प्रक्रिया अपनायी है। जो राज्य सरकार के नियत व नीति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। बोले कि 13 जनवरी 2017 को राज्य के सभी जिला मुख्यालय पर आक्रोश पूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। मौके पर निर्मल कुमार, विवेकानंद दास, पुष्प राज, पंकज प्रभात, राजीव झा, खुर्शीद आलम, अरूण कुमार आर्य, संतोष कुमार, संजीव कुमार ¨सह, प्रमोद कुमार पासवान आदि मौजूद थे।
बैठक को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि राज्य सरकार सूबे के चार लाख प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक व पुस्तकालय अध्यक्ष को सातवें वेतन के नाम पर धोखाधड़ी कर रही है। केन्द्र सरकार नियोजित शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष को जुलाई 2015 से ही वेतनमान दी। सेवा शर्त निर्धारण हेतु उच्च स्तरीय कमेटी बनायी गई। परन्तु निर्धारित अवधि में सेवा शर्त लागू नहीं किया गया। सातवें वेतन आयोग के सिफारिश के बाबत राज्य सरकार ने वेतन निर्धारण हेतु कमेटी बनायी। परन्तु वेतन कमेटी के समक्ष सरकार ने नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ देने हेतु दिशा-निर्देश नहीं दिया। जिस कारण सातवें वेतन निर्धारित कमेटी ने नियोजित को अलग रख कर वेतन निर्धारण की प्रक्रिया अपनायी है। जो राज्य सरकार के नियत व नीति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। बोले कि 13 जनवरी 2017 को राज्य के सभी जिला मुख्यालय पर आक्रोश पूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। मौके पर निर्मल कुमार, विवेकानंद दास, पुष्प राज, पंकज प्रभात, राजीव झा, खुर्शीद आलम, अरूण कुमार आर्य, संतोष कुमार, संजीव कुमार ¨सह, प्रमोद कुमार पासवान आदि मौजूद थे।