बांका। बिहार पंचायत प्रखंड नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले
नियोजित शिक्षकों ने सोमवार शाम शहर के गांधी चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार का पुतला जलाया। इस दौरान शिक्षकों ने जम कर सरकार विरोधी नारेबाजी
की। इसके पहले शिक्षकों ने बांका गेस्ट हाउस परिसर स्थित कार्यालय से जुलूस
निकाला।
जुलूस में शामिल सौ से अधिक शिक्षक नीतीश कुमार मुर्दाबाद, शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देना होगा, सातवां वेतन का लाभ देना होगा जैसे नारे लगा रहे थे।
जिला महासचिव हीरालाल प्रकाश यादव ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के शोषण की हदें अब पार हो गयी है। वित्त सचिव के बयान से शिक्षकों का आक्रोश चरम पर है। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक अगर सरकार सेवा शर्त और सातवां वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा नहीं करती है तो पूरे बिहार के शिक्षक सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। सभी सरकारी काम को ठप कर दिया जाएगा। स्कूलों में बेमियादी तालाबंदी की जाएगी। जिला संयोजक हेमंत दूबे ने कहा कि सरकार शिक्षकों को पहले राज्य कर्मी का दर्जा दे। पंचायत और प्रखंड कर्मी बताने की बहानेबाजी बंद करे। उपाध्यक्ष विभाकर विभा व र¨वद्र यादव ने कहा कि शिक्षकों के लिए आर पार की लड़ाई का वक्त आ गया है। पुतला दहन कार्यक्रम में प्रवक्ता प्रमोद कुमार, जिला सचिव रामविलास ¨सह व प्रमोद कुमार, सरयुग पंडित, बाराहाट अध्यक्ष पंकज कुमार, सर्वजीत कुमार, अमन खां, राजेश कुमार ¨सह, जयशंकर कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
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मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होंगे शिक्षक
नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों ने शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी बनने वाली मानव श्रृंखला से अपने को अलग कर लिया है। जिले में इस प्रकार के करीब छह हजार शिक्षक हैं। संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि सरकार अगर शिक्षकों का मान नहीं जानती तो शिक्षक भी सरकार के फैसले को नहीं मानती है। उन्होंने कहा कि बांका का कोई नियोजित शिक्षक न मानव श्रृंखला में शामिल होगा, न इसके निर्माण में किसी प्रकार का सहयोग करेगा। 15 जनवरी तक मांगें पूरी होने के बाद ही शिक्षक संघ इस पर विचार करेगा। संगठन के इस फैसले से मानव श्रृंखला को बांका में बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि बांका में सरकारी अधिक सरकारी सेवकों की संख्या नए शिक्षकों की ही है।
जुलूस में शामिल सौ से अधिक शिक्षक नीतीश कुमार मुर्दाबाद, शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देना होगा, सातवां वेतन का लाभ देना होगा जैसे नारे लगा रहे थे।
जिला महासचिव हीरालाल प्रकाश यादव ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के शोषण की हदें अब पार हो गयी है। वित्त सचिव के बयान से शिक्षकों का आक्रोश चरम पर है। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक अगर सरकार सेवा शर्त और सातवां वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा नहीं करती है तो पूरे बिहार के शिक्षक सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। सभी सरकारी काम को ठप कर दिया जाएगा। स्कूलों में बेमियादी तालाबंदी की जाएगी। जिला संयोजक हेमंत दूबे ने कहा कि सरकार शिक्षकों को पहले राज्य कर्मी का दर्जा दे। पंचायत और प्रखंड कर्मी बताने की बहानेबाजी बंद करे। उपाध्यक्ष विभाकर विभा व र¨वद्र यादव ने कहा कि शिक्षकों के लिए आर पार की लड़ाई का वक्त आ गया है। पुतला दहन कार्यक्रम में प्रवक्ता प्रमोद कुमार, जिला सचिव रामविलास ¨सह व प्रमोद कुमार, सरयुग पंडित, बाराहाट अध्यक्ष पंकज कुमार, सर्वजीत कुमार, अमन खां, राजेश कुमार ¨सह, जयशंकर कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
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मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होंगे शिक्षक
नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों ने शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी बनने वाली मानव श्रृंखला से अपने को अलग कर लिया है। जिले में इस प्रकार के करीब छह हजार शिक्षक हैं। संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि सरकार अगर शिक्षकों का मान नहीं जानती तो शिक्षक भी सरकार के फैसले को नहीं मानती है। उन्होंने कहा कि बांका का कोई नियोजित शिक्षक न मानव श्रृंखला में शामिल होगा, न इसके निर्माण में किसी प्रकार का सहयोग करेगा। 15 जनवरी तक मांगें पूरी होने के बाद ही शिक्षक संघ इस पर विचार करेगा। संगठन के इस फैसले से मानव श्रृंखला को बांका में बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि बांका में सरकारी अधिक सरकारी सेवकों की संख्या नए शिक्षकों की ही है।