नालंदा। सूबे के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों को वेतनमान के
उपरांत 7 वां वेतनमान का लाभ नहीं देने की सरकारी मंशा दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकार ने नियोजित शिक्षकों के साथ विश्वघात किया है। सरकार के इस दोहरी
नीति के विरुद्ध राज्य भर के सभी जिला मुख्यालयों पर 13 जनवरी को धरना
प्रदर्शन होगा ।
उक्त बातें नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गणेश शंकर पांडे ने एक बयान जारी कर कहा । उन्होंने कहा कि इस तरह के विश्वासघाती निर्णय से सूबे के नियोजित शिक्षक एवं पुस्कालय अध्यक्ष आक्रोश में हैं और इसे आंदोलन के लिए खुला निमंत्रण मान रहे हैं । उन्होंने कहा कि सातवां वेतनमान निर्धारण समिति के सदस्य एवं वित्त सचिव राहुल ¨सह के हवाले से प्रेस को दिया गया यह बयान कि नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी नहीं हैं। इसलिए उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह ¨नदनीय है। इसकी जितनी ¨नदा की जाय वह कम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों से काम लेने के समय राज्यकर्मियों कि तरह सभी कार्य लेती है और कार्य पूर्ण होने के उपरांत लाभ देने के समय यह कह कर मुंह फेर लेती है कि नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी है हीं नहीं । इस तरह कि दोहरी नीति कदापि नहीं चलेगी । उन्होंने सूबे के नियोजित शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि वे आर पार कि लड़ाई कि लिए गोलबंद और एकजुट रहते हुए 13 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर धरना को ऐतिहासिक बनाएं।
उक्त बातें नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गणेश शंकर पांडे ने एक बयान जारी कर कहा । उन्होंने कहा कि इस तरह के विश्वासघाती निर्णय से सूबे के नियोजित शिक्षक एवं पुस्कालय अध्यक्ष आक्रोश में हैं और इसे आंदोलन के लिए खुला निमंत्रण मान रहे हैं । उन्होंने कहा कि सातवां वेतनमान निर्धारण समिति के सदस्य एवं वित्त सचिव राहुल ¨सह के हवाले से प्रेस को दिया गया यह बयान कि नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी नहीं हैं। इसलिए उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह ¨नदनीय है। इसकी जितनी ¨नदा की जाय वह कम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों से काम लेने के समय राज्यकर्मियों कि तरह सभी कार्य लेती है और कार्य पूर्ण होने के उपरांत लाभ देने के समय यह कह कर मुंह फेर लेती है कि नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी है हीं नहीं । इस तरह कि दोहरी नीति कदापि नहीं चलेगी । उन्होंने सूबे के नियोजित शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि वे आर पार कि लड़ाई कि लिए गोलबंद और एकजुट रहते हुए 13 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर धरना को ऐतिहासिक बनाएं।