पूर्णिया। पहले तो सरकारी विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक का भारतीय स्टेट
बैंक के सीएसपी में फर्जी तरीके से बैंक खाता खोला गया फिर उस बैंक खाते
में मनरेगा की मजदूरी का भुगतान भी कर दिया गया।
ऐसा हुआ है प्रखंड के घोड़दौड़ पंचयात के प्राथमिक विद्यालय सरोचिया के नियोजित शिक्षक मो. आफताब आलम के साथ। इस मामले को लेकर मो. आफताब आलम द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन भी सौंपा गया है। जिलाधिकारी को सौंपे आवेदन में मो. आफताब आलम ने बताया कि वे नियोजित शिक्षक के रूप में प्राथमिक विद्यालय सरोचिया में पदस्थापित हैं। कहा है कि उन्हें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निभा पाल द्वारा निर्देश दिया गया कि आप अपने बैंक खाते को आधार ¨लक से जोड़ लें तभी आपके वेतन का भुगतान किया जाएगा। जब वे एसबीआइ की कसबा शाखा में अपने खाता संख्या 20066875671 को आधार कार्ड ¨लक से जोड़ने को कहा तो शाखा प्रबंधक रजनीश कुमार द्वारा जानकारी मिली कि आपका एक खाता और है जिसमें पहले से ही आधार ¨लक जुड़ा हुआ है। पूछताछ करने पर शाखा प्रबंधक ने बताया कि एसबीआइ की भंमरा-लागन सीएसपी द्वारा आपका खाता 19/3/2016 को खोला गया है। जिसका नंबर 35647495216 है। शाखा प्रबंधक द्वारा मुझे यह भी जानकारी मिली कि इस खाते में मनरेगा के तहत मजदूरों को मिलने वाली राशि का भी भुगतान किया गया है। जबकि मेरा सिर्फ एक ही बैंक खाता है जो मैंने वर्ष 2010 में एसबीआइ में खुलवाया था। उन्होंने इस आशय का आवेदन देते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में जब शाखा प्रबंधक रजनीश कुमार से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त खाता एसबीआई के भंमरा-लागन सीएसपी मो. शमशाद आलम के नाम से खोली गई है। शाखा प्रबंधक ने बताया कि मो. शमशाद आलम के सीएसपी के आईडी को पूर्व शाखा प्रबंधक द्वारा पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि मो. शमशाद के भंमरा-लागन सीएसपी द्वारा प्रखंड के गुरही, भंमरा-लागन, सधुबैली, बनैली, मल्हरिया पंचायतों में जो भी मनरेगा के तहत कार्य हुआ मजदूरी का भुगतान खाते द्वारा किया गया था। इस मामले की अगर गहन छानबीन की जाए तो लाखों रूपये के फर्जी भुगतान का मामला सामने आ सकता है। वहीं पीड़ित शिक्षक मो. आफताब आलम ने कसबा थाना में आवेदन सौंपकर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।
ऐसा हुआ है प्रखंड के घोड़दौड़ पंचयात के प्राथमिक विद्यालय सरोचिया के नियोजित शिक्षक मो. आफताब आलम के साथ। इस मामले को लेकर मो. आफताब आलम द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन भी सौंपा गया है। जिलाधिकारी को सौंपे आवेदन में मो. आफताब आलम ने बताया कि वे नियोजित शिक्षक के रूप में प्राथमिक विद्यालय सरोचिया में पदस्थापित हैं। कहा है कि उन्हें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निभा पाल द्वारा निर्देश दिया गया कि आप अपने बैंक खाते को आधार ¨लक से जोड़ लें तभी आपके वेतन का भुगतान किया जाएगा। जब वे एसबीआइ की कसबा शाखा में अपने खाता संख्या 20066875671 को आधार कार्ड ¨लक से जोड़ने को कहा तो शाखा प्रबंधक रजनीश कुमार द्वारा जानकारी मिली कि आपका एक खाता और है जिसमें पहले से ही आधार ¨लक जुड़ा हुआ है। पूछताछ करने पर शाखा प्रबंधक ने बताया कि एसबीआइ की भंमरा-लागन सीएसपी द्वारा आपका खाता 19/3/2016 को खोला गया है। जिसका नंबर 35647495216 है। शाखा प्रबंधक द्वारा मुझे यह भी जानकारी मिली कि इस खाते में मनरेगा के तहत मजदूरों को मिलने वाली राशि का भी भुगतान किया गया है। जबकि मेरा सिर्फ एक ही बैंक खाता है जो मैंने वर्ष 2010 में एसबीआइ में खुलवाया था। उन्होंने इस आशय का आवेदन देते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में जब शाखा प्रबंधक रजनीश कुमार से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त खाता एसबीआई के भंमरा-लागन सीएसपी मो. शमशाद आलम के नाम से खोली गई है। शाखा प्रबंधक ने बताया कि मो. शमशाद आलम के सीएसपी के आईडी को पूर्व शाखा प्रबंधक द्वारा पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि मो. शमशाद के भंमरा-लागन सीएसपी द्वारा प्रखंड के गुरही, भंमरा-लागन, सधुबैली, बनैली, मल्हरिया पंचायतों में जो भी मनरेगा के तहत कार्य हुआ मजदूरी का भुगतान खाते द्वारा किया गया था। इस मामले की अगर गहन छानबीन की जाए तो लाखों रूपये के फर्जी भुगतान का मामला सामने आ सकता है। वहीं पीड़ित शिक्षक मो. आफताब आलम ने कसबा थाना में आवेदन सौंपकर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।