सुपौल | नगर संवाददाता सातवें वेतन आयोग का लाभ नियोजित शिक्षकों को नहीं दिये जाने से गुस्साए शिक्षकों ने बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले लोहिया नगर चौक पर सीएम का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया।
सातवें वेतन के लिए गठित फिटमेंट कमेटी सह वित्त विभाग के राहुल सिंह के नियोजित शिक्षक को सातवें वेतन का लाभ नहीं दिये जाने के बयान से शिक्षक आक्रोशित थे।
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संघ से हुए समझौता के बाद आदेश निकला था कि नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मियों को मिलने वाला सभी लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री ने खुद संघ के पदाधिकारियों से हुई बातचीत में सातवें वेतन का लाभ दिये जाने की बात कही थी। लेकिन अब सरकार मुकर रही है। राज्य सरकार शिक्षकों को सातवें वेतनमान दे।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार के अनुसार नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी नहीं हैं तो फिर सरकार किस आधार पर सेवा शर्त नियमावली तैयार कर रही है। सरकार नियोजित शिक्षकों से अन्य राज्य कर्मियों की तरह सारे काम तो लेती है पर वेतन देने की बात आने पर सरकार का नजरिया बदल जाता है।
सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया कि 15 जनवरी तक यदि सरकार सेवा शर्त का संधारण, सातवें वेतन का लाभ समेत अन्य मांगों के लिए ठोस पहल नहीं करती है तो हजारों शिक्षक, बच्चे और अभिभावक भी सरकार की गलत शिक्षा नीति के विरोध में 21 जनवरी को होने वाली मानव शृंखला कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।
सातवें वेतन के लिए गठित फिटमेंट कमेटी सह वित्त विभाग के राहुल सिंह के नियोजित शिक्षक को सातवें वेतन का लाभ नहीं दिये जाने के बयान से शिक्षक आक्रोशित थे।
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संघ से हुए समझौता के बाद आदेश निकला था कि नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मियों को मिलने वाला सभी लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री ने खुद संघ के पदाधिकारियों से हुई बातचीत में सातवें वेतन का लाभ दिये जाने की बात कही थी। लेकिन अब सरकार मुकर रही है। राज्य सरकार शिक्षकों को सातवें वेतनमान दे।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार के अनुसार नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी नहीं हैं तो फिर सरकार किस आधार पर सेवा शर्त नियमावली तैयार कर रही है। सरकार नियोजित शिक्षकों से अन्य राज्य कर्मियों की तरह सारे काम तो लेती है पर वेतन देने की बात आने पर सरकार का नजरिया बदल जाता है।
सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया कि 15 जनवरी तक यदि सरकार सेवा शर्त का संधारण, सातवें वेतन का लाभ समेत अन्य मांगों के लिए ठोस पहल नहीं करती है तो हजारों शिक्षक, बच्चे और अभिभावक भी सरकार की गलत शिक्षा नीति के विरोध में 21 जनवरी को होने वाली मानव शृंखला कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।