पटना [राज्य ब्यूरो]। इंटर और मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन
में आ रही बाधा दूर हो गई है। शनिवार को माध्यमिक शिक्षक संघ, वित्त रहित
शिक्षक संघ और सरकार के बीच हुई वार्ता के बाद शिक्षकों ने काम पर लौटने का
फैसला किया है। सरकार ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि उनके काम पर
लौटने पर दंडात्मक कार्रवाई वापस ले ली जाएगी।
सरकार ने कहा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली 30 जून तक बना ली जाएगी। शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी, प्रधान सचिव आरके महाजन, सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव के साथ ही माध्यमिक शिक्षा सचिव आरपीएस रंजन की मौजूदगी में हुई वार्ता के दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से अध्यक्ष केदार पांडेय, महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह व वित्त रहित शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
चार प्रमुख मांगों पर हुई चर्चा
वार्ता के दौरान शिक्षकों की चार प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई। सरकार ने साफ कर दिया कि 30 जून तक सेवा शर्त का गठन कर दिया जाएगा। दूसरी शर्त पर सरकार ने शिक्षकों के काम पर लौटते ही दंडात्मक कार्रवाई वापस लेने का भरोसा दिया। पुस्तकालयाध्यक्ष और शारीरिक शिक्षकों से कॉपी जांच के मसले पर सरकार ने कहा इस संबंध में विद्यालय परीक्षा समिति के जो नियम होंगे उसके अनुसार फैसला लिया जाएगा। सरकार ने यह आश्वासन भी दिया कि परीक्षकों की बकाया राशि का भुगतान भी शीघ्र किया जाएगा।
स्थायी मान्यता के पहले होगी जांच
वित्त रहित शिक्षकों से वार्ता के दौरान सरकार ने आश्वस्त किया कि उनके बकाए भुगतान के लिए भी विद्यालय परीक्षा समिति से बकाया राशि का ब्योरा मांगा जाएगा और तत्काल भुगतान के प्रयास होंगे। वित्त रहित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली के बारे में सरकार ने कहा 15 मई तक नियमावली बना कर इसे विद्यालय परीक्षा समिति को उपलब्ध कराया जाएगा। इंटर कॉलेजों की स्थायी मान्यता के संबंध में यह निर्णय हुआ कि विद्यालय परीक्षा समिति से जांच के बाद ही इंटर कॉलेजों की स्थायी मान्यता के बारे में अंतिम रूप से फैसला लिया जाएगा।
महत्वपूर्ण फैसले
30 जून तक होगा सेवा शर्त का गठन
दंडात्मक कार्रवाई समाप्त की जाएगी
परीक्षकों का बकाया भुगतान जल्द ही
क्या था मामला
समान काम समान वेतन की मांग को लेकर प्राथमिक से माध्यमिक तक के शिक्षकों ने मैट्रिक परीक्षाओं की कापिॅयों के मूल्यांकन के विरोध का फैसला किया था। जिसके बाद सरकार ने इन शिक्षकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की बात कही थी। मूल्यांकन कार्यों में बाधा की वजह से समय पर रिजल्ट प्रकाशन में दिक्कत आ रही थी।
संघ और सरकार के बीच सकारात्मक वार्ता हुई है। सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद संघ ने तत्काल काम पर लौटने की घोषणा कर दी है। अब मूल्यांकन कार्य निर्बाध गति से पूरा किया जाएगा।
डॉ. अशोक चौधरी
शिक्षा मंत्री बिहार सरकार
सरकार ने कहा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली 30 जून तक बना ली जाएगी। शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी, प्रधान सचिव आरके महाजन, सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव के साथ ही माध्यमिक शिक्षा सचिव आरपीएस रंजन की मौजूदगी में हुई वार्ता के दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से अध्यक्ष केदार पांडेय, महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह व वित्त रहित शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
चार प्रमुख मांगों पर हुई चर्चा
वार्ता के दौरान शिक्षकों की चार प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई। सरकार ने साफ कर दिया कि 30 जून तक सेवा शर्त का गठन कर दिया जाएगा। दूसरी शर्त पर सरकार ने शिक्षकों के काम पर लौटते ही दंडात्मक कार्रवाई वापस लेने का भरोसा दिया। पुस्तकालयाध्यक्ष और शारीरिक शिक्षकों से कॉपी जांच के मसले पर सरकार ने कहा इस संबंध में विद्यालय परीक्षा समिति के जो नियम होंगे उसके अनुसार फैसला लिया जाएगा। सरकार ने यह आश्वासन भी दिया कि परीक्षकों की बकाया राशि का भुगतान भी शीघ्र किया जाएगा।
स्थायी मान्यता के पहले होगी जांच
वित्त रहित शिक्षकों से वार्ता के दौरान सरकार ने आश्वस्त किया कि उनके बकाए भुगतान के लिए भी विद्यालय परीक्षा समिति से बकाया राशि का ब्योरा मांगा जाएगा और तत्काल भुगतान के प्रयास होंगे। वित्त रहित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली के बारे में सरकार ने कहा 15 मई तक नियमावली बना कर इसे विद्यालय परीक्षा समिति को उपलब्ध कराया जाएगा। इंटर कॉलेजों की स्थायी मान्यता के संबंध में यह निर्णय हुआ कि विद्यालय परीक्षा समिति से जांच के बाद ही इंटर कॉलेजों की स्थायी मान्यता के बारे में अंतिम रूप से फैसला लिया जाएगा।
महत्वपूर्ण फैसले
30 जून तक होगा सेवा शर्त का गठन
दंडात्मक कार्रवाई समाप्त की जाएगी
परीक्षकों का बकाया भुगतान जल्द ही
क्या था मामला
समान काम समान वेतन की मांग को लेकर प्राथमिक से माध्यमिक तक के शिक्षकों ने मैट्रिक परीक्षाओं की कापिॅयों के मूल्यांकन के विरोध का फैसला किया था। जिसके बाद सरकार ने इन शिक्षकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की बात कही थी। मूल्यांकन कार्यों में बाधा की वजह से समय पर रिजल्ट प्रकाशन में दिक्कत आ रही थी।
संघ और सरकार के बीच सकारात्मक वार्ता हुई है। सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद संघ ने तत्काल काम पर लौटने की घोषणा कर दी है। अब मूल्यांकन कार्य निर्बाध गति से पूरा किया जाएगा।
डॉ. अशोक चौधरी
शिक्षा मंत्री बिहार सरकार