भागलपुर । लगातार कई दिनों से इंटर व मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं का
मूल्यांकन बाधित रहने की सूचना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है।
सरकार के निर्देश पर दो सदस्यीय दल ने शनिवार को शहर के विभिन्न केंद्रों
का निरीक्षण किया और मूल्यांकन नहीं होने की जानकारी ली।
टीम के सदस्य जिला आपूर्ति पदाधिकारी देवेंद्र कुमार दर्द ने बताया कि इंटर और मैट्रिक की कॉपियों के लिए तीन-तीन मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी फूल बाबू चौधरी के साथ निरीक्षण कर लौटे दर्द ने बताया कि विभिन्न केंद्रों में अनावश्यक रूप से योगदान के बाद शिक्षक कार्य नहीं कर रहे हैं। कई कॉलेजों में तो प्राचार्यों ने शिक्षकों को दूसरे केंद्र में जाने के लिए विरमित भी नहीं किया है। कई शिक्षक योगदान के बाद से ही अनुपस्थित हैं। जो नियम के विरुद्ध है। कहा कि डीईओ की रिपोर्ट के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
निरीक्षण में यह देखा गया कि मारवाड़ी कॉलेज में मात्र 28 शिक्षक कॉपी की जांच कर रहे थे। यहां 367 परीक्षकों की ड्यूटी लगी है जिसमें 150 ने योगदान दिया है। टीएनबी कॉलेज में मात्र दस शिक्षक कॉपी की जांच कर रहे थे। जबकि यहां 412 परीक्षकों की ड्यूटी लगी है और 167 ने योगदान दिया है। मारवाड़ी पाठशाला में 504 परीक्षकों की ड्यूटी है जिसमें 270 ने योगदान दिया है लेकिन कोई भी जांच कार्य नहीं कर रहा है। मैट्रिक में मोक्षदा गर्ल्स हाई स्कूल में 336, जिला स्कूल में 372 और सीएमएस हाई स्कूल में 376 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मोक्षदा व सीएमएस में एक-एक शिक्षक कॉपी की जांच कर रहे थे। योगदान के बाद मूल्यांकन नहीं करने पर सीएस से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा शिक्षकों को विरमित नहीं करने पर भी केंद्राधीक्षक से रिपोर्ट मांगी गई है।
टीम के सदस्य जिला आपूर्ति पदाधिकारी देवेंद्र कुमार दर्द ने बताया कि इंटर और मैट्रिक की कॉपियों के लिए तीन-तीन मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी फूल बाबू चौधरी के साथ निरीक्षण कर लौटे दर्द ने बताया कि विभिन्न केंद्रों में अनावश्यक रूप से योगदान के बाद शिक्षक कार्य नहीं कर रहे हैं। कई कॉलेजों में तो प्राचार्यों ने शिक्षकों को दूसरे केंद्र में जाने के लिए विरमित भी नहीं किया है। कई शिक्षक योगदान के बाद से ही अनुपस्थित हैं। जो नियम के विरुद्ध है। कहा कि डीईओ की रिपोर्ट के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
निरीक्षण में यह देखा गया कि मारवाड़ी कॉलेज में मात्र 28 शिक्षक कॉपी की जांच कर रहे थे। यहां 367 परीक्षकों की ड्यूटी लगी है जिसमें 150 ने योगदान दिया है। टीएनबी कॉलेज में मात्र दस शिक्षक कॉपी की जांच कर रहे थे। जबकि यहां 412 परीक्षकों की ड्यूटी लगी है और 167 ने योगदान दिया है। मारवाड़ी पाठशाला में 504 परीक्षकों की ड्यूटी है जिसमें 270 ने योगदान दिया है लेकिन कोई भी जांच कार्य नहीं कर रहा है। मैट्रिक में मोक्षदा गर्ल्स हाई स्कूल में 336, जिला स्कूल में 372 और सीएमएस हाई स्कूल में 376 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मोक्षदा व सीएमएस में एक-एक शिक्षक कॉपी की जांच कर रहे थे। योगदान के बाद मूल्यांकन नहीं करने पर सीएस से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा शिक्षकों को विरमित नहीं करने पर भी केंद्राधीक्षक से रिपोर्ट मांगी गई है।