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शिक्षकों के ग्रेड पे का निर्धारण नहीं, हर माह 5000 का नुकसान

डीडीसी की पहल पर शिक्षक संघ व स्थापना शाखा के डीपीअो के बीच हुई वार्ता के दौरान तय किए गए अंतिम तिथि खत्म हो गई। इसके बाद भी शिक्षकों के ग्रेड पे का निर्धारण नहीं हुआ। इस वजह से जिले के डेढ़ हजार से ज्यादा शिक्षकों को अभी भी ग्रेड पे का लाभ मिलने की संभावना नहीं है।
इससे ऐसे शिक्षकों के बीच नाराजगी है। अंतिम तिथि 12 अक्टूबर तक ही तय की गई थी। लेकिन इस दौरान एक भी शिक्षकों के ग्रेड पे का लाभ नहीं दिया गया। अंतिम तिथि खत्म होने पर शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति भी उदासीन बनी हुई है और वे डीपीओ या अन्य वरीय अफसरों से यह सवाल नहीं कर पाई कि आखिर इस तिथि के अंदर किस परिस्थिति में ग्रेड पे का निर्धारण नहीं किया गया। जबकि 6 अक्टूबर को बिना ग्रेड पे के ही सितम्बर माह का वेतन भुगतान कर दिया गया। इससे शिक्षकों काे पांच से छह हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। जबकि एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षक 31 मार्च के पहले ही ट्रेंड हो गए और उनके रिजल्ट का भी प्रकाशन 22 मई को हो गया। जबकि प्रावधान है कि परीक्षाफल प्रकाशन की तिथि से ही ग्रेड पे का लाभ देना है। शिक्षकों का रिजल्ट ऑन लाइन उपलब्ध है। अगर स्थापना शाखा को रिजल्ट का भी सत्यापन करना होता तो अबतक इसका सत्यापन कर दिया गया। रहता। लेकिन इसका सत्यापन नहीं किया गया। इधर, सिसवन प्रखंड के तत्कालीन बीईओ गुलाम सरवर ने अपे पत्रांक 256 दिनांक पांच जुलाई को 16 शिक्षकों के सर्विस बुक को संधारण करते हुए डीपीओ स्थापना शाखा को भेजा। लेकिन इसमें से कुछ शिक्षकों के ग्रेड पे का निर्धारण किया। कई शिक्षकों के ग्रेड पे का निर्धारण नहीं किया गया। इस वजह से भी स्थापना शाखा का मनमानी सामने आई। जबकि इस संदर्भ में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ पचरुखी अंचल के सचिव जय प्रकाश सिंह ने कई बाद डीएम को पत्र देकर ग्रेड पे निर्धारण के लिए मांग की है। लेकिन तीन माह से ज्यादा समय भी इसे पूरा नहीं किया गया। जबकि डीपीओ ने ग्रेड ने संधारण के लिए 18 जुलाई को ही पत्र जारी किया था। लेकिन इस पत्र को भी बीईओ ने नजर अंदाज कर दिया। साथ ही सर्विस बुक का संधारण नहीं करने वाले बीईओ पर भी डीपीओ स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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