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बीपीएससी से 282 शिक्षकों की नियुक्ति, 1185 पद खाली, हफ्ते में 40 घंटे रहने का निर्देश जारी

राजभवन ने काॅलेज एवं विवि विभागों के शिक्षकों काे उपस्थिति के साथ घंटे भी तय कर दिए हैं। अब शिक्षकों काे कार्य दिवस में 6 घंटे अाैर हफ्ते में कम से कम 40 घंटे विभागों में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसमें कमी पाए जाने पर कार्रवाई हाेगी। कुलपति काे आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है।
दरअसल, पत्र में कहा गया है कि बीपीएससी से 282 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। एेसे में पढ़ाई का माहाैल अब बेहतर हाेना चाहिए। गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति भी शीघ्र करने के लिए कहा गया है। पिछले दिनाें 18 विषयों में हुई नियुक्ति के बाद शिक्षकों काे विभिन्न महाविद्यालयों एवं पीजी विभागों में नियुक्त किया गया है। बावजूद इसके विवि में 1185 पद रिक्त हैं। विवि में शिक्षकों के कुल 1822 पद स्वीकृत हैं। लेकिन, 637 पदाें पर ही शिक्षक कार्यरत हैं। 282 में से 242 सहायक प्राध्यापकों की पोस्टिंग हाे गई है। राजभवन ने स्नातकोत्तर स्तर पर स्मार्ट क्लास काे भी अनिवार्य किया है। सभी महाविद्यालयों में भी कम से कम एक स्मार्ट क्लास संचालित करने का निर्देश कुलपति काे दिया गया है। उधर, गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति के लिए राेस्टर क्लीयरेंस के लिए आयुक्त काे भेजा गया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही नियुक्ति हाेगी।

नैक मूल्यांकन के लिए भेजी गई आरडीएस काॅलेज की एसएसआर रिजेक्ट, अारबीबीएम की पास

नैक मूल्यांकन की तैयारी में लगे आरडीएस काॅलेज काे धक्का लगा है। मूल्यांकन के लिए भेजी गई एसएसआर सेल्फ स्टडी रिपोर्ट काे नैक ने रिजेक्ट कर दिया है। अारबीबीएम अाैर एमएस काॅलेज मोतिहारी की रिपोर्ट पास हाे गई है। इससे काॅलेज प्रशासन काे निराशा हाथ लगी है। आरडीएस काॅलेज का सेकेंड साइकिल है। पहली बार 2013 में आरडीएस काॅलेज का नैक मूल्यांकन हुअा था। इसमें काॅलेज काे बी प्लस ग्रेड मिले थे। आरडीएस विवि में सबसे पहला मूल्यांकन कराने वाला काॅलेज है। दाेबारा इसका 2018 में मूल्यांकन हाेना था। लेकिन, एक साल बाद भी तैयारी सही नहीं हाेने से एसएसआर में सफलता हाथ नहीं लगी। इसे लेकर साेमवार काे प्राचार्य डाॅ. अाेम प्रकाश सिंह ने शिक्षकों के साथ बैठक कर अागे की रणनीति पर चर्चा की। इसमें नए सिरे से टीम बनाने का निर्णय लिया गया।

दिसंबर में सीनेट की बैठक की तैयारी, अाज हाे सकता है निर्णय

बीअारए बिहार विश्वविद्यालय की सीनेट बैठक दिसंबर में हाे सकती है। इसे लेकर मंगलवार काे निर्णय हाे सकता है। वैसे ताे अक्टूबर में ही सीनेट हाेनी चाहिए थी, ताकि बजट पारित कराकर सरकार काे भेजा जा सके। मगर, पिछले चार माह में दाे-दाे कुलपतियाें के बदले जाने से सबकुछ अनियमित है। कुलपति डाॅ. अारके मंडल इसे पटरी पर लाने की काेशिश में लगे हैं। छठ बाद एकेडमिक काउंसिल अाैर सिंडिकेट की बैठक की भी याेजना है। राजभवन ने नियमित तरीके से दीक्षांत समाराेह का भी निर्देश दिया है। मगर, इस पर विवि में अब तक चर्चा नहीं है। 

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