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शिक्षक 27 से करेंगे एमडीएम का बहिष्कार

चैनपुर : प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी भवन में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णानंद मिश्रा की अध्यक्षता में प्रखंडाधीन सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की मासिक गोष्ठी हुई. इसमें प्रधानाध्यापकों ने सामूहिक रूप से मध्याह्र भोजन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. उनका कहना था कि वे एमडीएम के कारण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण नहीं दे पाते. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत बच्चों को दिये जानेवाले गुणवत्तापूर्ण शिक्षण इस मध्याह्र भोजन के कारण प्रभावित होता है. शिक्षकों ने कहा कि हम चाह कर भी वैसे शैक्षणिक माहौल विद्यालय में नहीं बना पाते और न ही बच्चों को वो शिक्षा दे पाते है.
 
रजिस्टर अपडेट करने में ही बीत जाता है समय!
 
शिक्षकों का कहना है कि एक शिक्षक का पूरा समय एमडीएम पंजी के संधारण में ही समाप्त हो जाता है. इसमें बाजार से सब्जी, दाल, जलावन आदि क्रय एवं एमडीएम का बैंक बुक, कैश बुक लिखने में शिक्षक लगे रहते हैं. दूसरी तरफ अधिकारियों द्वारा एमडीएम के नाम पर भयादोहन किया जाता है. मध्याह्र भोजन के कारण शिक्षकों को कभी ग्रामीणों द्वारा, तो कभी अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षण संघ के जिलाध्यक्ष देवमूरत पांडेय ने गुरुगोष्ठी के दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के आय का स्रोत समझा जाता है.
 

ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष अवसर, पर्व-त्योहार आदि को देखते हुए विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति हमेशा कम या ज्यादा होती रहती है, लेकिन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान इसी का फायदा उठाते हुए मध्याह्र भोजन के नाम पर प्रधानाध्यापकों पर गबन का आरोप लगाते हुए राशि की वसूली की जा रही है. शिक्षकों ने बीइओ को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यदि हमें एमडीएम के कार्य से मुक्त नहीं किया गया, तो 27 जनवरी से मध्याह्र भोजन का सामूहिक बहिष्कार करेंगे. इस अवसर पर अशोक कुमार विजय, शानजमा खां, कृष्णानंद तिवारी, रविप्रकाश सहित कई शिक्षक मौजूद थे.

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