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प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई के निर्णय की संघ ने की आलोचना

पूर्णिया। विद्यालय प्रधान पर घोटाले का आरोप लगा उन पर अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्रवाई की बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने ¨नदा की है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल एवं नगर अध्यक्ष राजीव रंजन भारती ने संयुक्त रूप से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड साधनसेवी सदर व केनगर के प्रति रोष प्रकट किया है।

संघ के दोनों नेताओं ने कहा है कि विद्यालय में बच्चों की साप्ताहांत में उपस्थिति को अनियमितता एवं घोटाला करार दिया है जो सरासर गलत है। नेता द्वय ने कहा कि जिन अधिकारी ने किसी भी विद्यालय का लगातार एक सप्ताह निरीक्षण किया तो उनकी सूची जारी करनी चाहिए थी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि विद्यालय में पदाधिकारी एवं साधनसेवी के द्वारा बच्चों की उपस्थिति की अपेक्षित वृद्धि को लेकर कभी भी सहयोगात्मक रवैया नहीं रहा है। जहां तक कि विद्यालय प्रधान से मोटी रकम की मांग की जाती है। जिसे देने से प्रधान शिक्षक असमर्थ हो जाते हैं तो उन पर इस प्रकार के घोटाले का गलत आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। साथ ही उगाही के मकसद से ठंडा, गर्मी हो या पर्व-त्योहार के उपरांत विद्यालय खुलने के प्रथम दिन ही पदाधिकारी आ धमकते हैं। ताकि बच्चे नदारद रहे और विद्यालय प्रधान से आर्थिक दोहन हो सके। उन्होंने कहा कि अगर यह तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया गया तो जिला के सभी प्रधान शिक्षकों को एकजुट कर आमरण अनशन पर बाध्य होगी। साथ ही शिक्षकों के मान-सम्मान के लिए मध्याह्न भोजन योजना कार्यक्रम से शिक्षकों को मुक्त किया जाए। ताकि शिक्षक पूर्ण रूप से शिक्षा में अपनी भूमिका निभा सकें।

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