भागलपुर, वरीय संवाददाता डीपीओ स्थापना द्वारा 54 शिक्षकों की डिग्री पर संदेह जता कर जांच कराने पर शिक्षक संघ लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि अगर डिग्री फर्जी है तो पहले हुई शिक्षकों की प्रोन्नति पर शिक्षा विभाग अपने ही अधिकारी पर क्यों नहीं कार्रवाई करता है। डीपीओ जानबूझ कर शिक्षकों की प्रोन्नति रोके हुए हैं।
प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेखर गुप्ता ने कहा कि पिछले साल 293 शिक्षकों का प्रमोशन हुआ था। उनमें 80 लोग कारेस्पोंडेंस से ही हैं। यही प्रोन्नति कमेटी ने उन्हें प्रोन्नति दी है। अब यह डिग्री गलत कैसे हो सकती है।
प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट के जिला सचिव श्याम नंदन सिंह भी डिग्री विवाद पर डीपीओ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि डीपीओ पत्राचार की डिग्रियों पर कैसे संदेह कर सकते हैं।
पहले भी ऐसे ही सर्टिफिकेट पर शिक्षकों की नौकरी हुई है। उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ इन दोनों संगठनों से पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखता है। संघ के प्रधान सचिव राणा कुमार झा ने बताया कि स्थापना शाखा अच्छा काम कर रहा है। जहां जिस चीज पर संदेह हो उसे मिटा देना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया है कि किसी शिक्षक के साथ अन्याय किया जाएगा।
प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेखर गुप्ता ने कहा कि पिछले साल 293 शिक्षकों का प्रमोशन हुआ था। उनमें 80 लोग कारेस्पोंडेंस से ही हैं। यही प्रोन्नति कमेटी ने उन्हें प्रोन्नति दी है। अब यह डिग्री गलत कैसे हो सकती है।
प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट के जिला सचिव श्याम नंदन सिंह भी डिग्री विवाद पर डीपीओ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि डीपीओ पत्राचार की डिग्रियों पर कैसे संदेह कर सकते हैं।
पहले भी ऐसे ही सर्टिफिकेट पर शिक्षकों की नौकरी हुई है। उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ इन दोनों संगठनों से पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखता है। संघ के प्रधान सचिव राणा कुमार झा ने बताया कि स्थापना शाखा अच्छा काम कर रहा है। जहां जिस चीज पर संदेह हो उसे मिटा देना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया है कि किसी शिक्षक के साथ अन्याय किया जाएगा।