मोतिहारी। शिक्षा विभाग द्वारा जाली के रूप में चिह्नित हो चुके टीईटी
प्रमाण-पत्रों की एक बार फिर से जांच शुरू करने की कवायद की जा रही है। दो
बार हो चुकी प्रमाण-पत्रों की जांच के बाद अब तीसरी बार जांच प्रक्रिया
शुरू की जाएगी। प्रक्रिया इस वर्ष के मई माह के बाद से शुरू हुई है, लेकिन
नवंबर माह में भी जाली चिह्नित हो चुके प्रमाण-पत्र धारकों को सेवामुक्त
करने का पत्र जारी नहीं किया गया है।
वहीं जांच प्रक्रिया के दौरान जाली चिह्नित हो चुके दो उर्दू शिक्षकों को सेवामुक्त करने का पत्र शिक्षा विभाग ने संबंधित नियोजन इकाइयों को जारी कर दिया है। जिन 44 उर्दू टीईटी प्रमाण पत्रों को जांच के लिए पटना भेजा गया था उसमें से जांच कर भेजे गए 15 प्रमाण पत्रों में से दो को जाली चिह्नित किया गया है। अब प्रश्न यह खड़ा होता है कि दो उर्दू शिक्षकों को सेवामुक्त करने का जब पत्र जारी कर दिया गया है, तब चिह्नित हो चुके करीब 103 दूसरे प्रमाण-पत्रधारकों को सेवामुक्त करने का पत्र क्यों नहीं जारी किया जा रहा? जिला शिक्षा पदाधिकारी वर्षा सहाय कह चुकी हैं कि प्रमाण पत्रों का मिलान तीसरी बार की जाएगी। दो बार प्रमाण पत्रों का मिलान हो चुका है। इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं रहे इसके लिए तीसरी बार मिलान करने के उपरांत अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद जाली चिह्नित होने वाले प्रमाण-पत्रधारकों को सेवा से मुक्त करने के लिए नियोजन इकाइयों को पत्र जारी किया जाएगा। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रिया पूरी करने में विलंब नहीं करने को लेकर कई बार आवाज उठाई है। डायट में नामांकन लेने के दौरान जाली टीईटी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर जांच की प्रक्रिया में तेजी आई। ज्यादा अंक वाले टीईटी प्रमाण पत्र लगाने का मामला टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने उठाई थी।
मोतिहारी व पटना में हुआ है प्रमाण-पत्रों का मिलान
प्रमाण-पत्रों की जांच प्रक्रिया मोतिहारी व पटना में की गई। जांच के लिए कुल 162 प्रमाण-पत्र जमा कराए गए थे। मोतिहारी में की गई जांच के दौरान 79 प्रमाण-पत्रों को जाली पाया गया। इसके अलावा 39 के मिलान की प्रक्रिया पटना में की गई, जिनमें 24 जाली चिह्नित करने की सूचना है। इनके मिलान की प्रक्रिया विभागीय सीडी के आधार पर पूरी की गई। जिन 13 उर्दू शिक्षकों का प्रमाण पत्र सही पाया गया उनका वेतन भुगतान शुरू कर दिया गया है। वहीं करीब दस अन्य सही पाए गए प्रमाण-पत्रधारकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया जल्द होने की संभावना है।
वहीं जांच प्रक्रिया के दौरान जाली चिह्नित हो चुके दो उर्दू शिक्षकों को सेवामुक्त करने का पत्र शिक्षा विभाग ने संबंधित नियोजन इकाइयों को जारी कर दिया है। जिन 44 उर्दू टीईटी प्रमाण पत्रों को जांच के लिए पटना भेजा गया था उसमें से जांच कर भेजे गए 15 प्रमाण पत्रों में से दो को जाली चिह्नित किया गया है। अब प्रश्न यह खड़ा होता है कि दो उर्दू शिक्षकों को सेवामुक्त करने का जब पत्र जारी कर दिया गया है, तब चिह्नित हो चुके करीब 103 दूसरे प्रमाण-पत्रधारकों को सेवामुक्त करने का पत्र क्यों नहीं जारी किया जा रहा? जिला शिक्षा पदाधिकारी वर्षा सहाय कह चुकी हैं कि प्रमाण पत्रों का मिलान तीसरी बार की जाएगी। दो बार प्रमाण पत्रों का मिलान हो चुका है। इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं रहे इसके लिए तीसरी बार मिलान करने के उपरांत अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद जाली चिह्नित होने वाले प्रमाण-पत्रधारकों को सेवा से मुक्त करने के लिए नियोजन इकाइयों को पत्र जारी किया जाएगा। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रिया पूरी करने में विलंब नहीं करने को लेकर कई बार आवाज उठाई है। डायट में नामांकन लेने के दौरान जाली टीईटी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर जांच की प्रक्रिया में तेजी आई। ज्यादा अंक वाले टीईटी प्रमाण पत्र लगाने का मामला टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने उठाई थी।
मोतिहारी व पटना में हुआ है प्रमाण-पत्रों का मिलान
प्रमाण-पत्रों की जांच प्रक्रिया मोतिहारी व पटना में की गई। जांच के लिए कुल 162 प्रमाण-पत्र जमा कराए गए थे। मोतिहारी में की गई जांच के दौरान 79 प्रमाण-पत्रों को जाली पाया गया। इसके अलावा 39 के मिलान की प्रक्रिया पटना में की गई, जिनमें 24 जाली चिह्नित करने की सूचना है। इनके मिलान की प्रक्रिया विभागीय सीडी के आधार पर पूरी की गई। जिन 13 उर्दू शिक्षकों का प्रमाण पत्र सही पाया गया उनका वेतन भुगतान शुरू कर दिया गया है। वहीं करीब दस अन्य सही पाए गए प्रमाण-पत्रधारकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया जल्द होने की संभावना है।