पटना : मैट्रिक और
इंटरमीडिएट 2016 की परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में अंकों की हेराफेरी
करनेवाले 703 शिक्षकों की पहचान कर ली गयी है. बिहार बोर्ड ने इन शिक्षकों
से जवाब मांगा है. इसके लिए दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक का समय दिया गया है.
अगर तय समय में जवाब नहीं मिली, तो उन पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी. ऐसे
शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है.
स्क्रूटनी के दौरान पकड़ में आये शिक्षक
: शिक्षकों की यह गलती स्क्रूटनी के दौरान समिति की नजर पर आयी. स्क्रूटनी
के दौरान एक हजार ऐसी उत्तर पुस्तिकाएं सामने आयीं, जिममें उत्तर लिखे
होने के बावजूद अंक नहीं दिये गये थे. मार्क्स फाइल में भी उलटफेर कर दिया
गया था. ऐसे छात्रों के रिजल्ट को रोक दिये गये. समिति ने स्क्रूटनी के
दौरान उन्हीं उत्तर पुस्तिकाओं के छात्र को रिजल्ट दिया, जिनकी उत्तर
पुस्तिका पर पांच अंक से कम की बढ़ोतरी हो रही थी.
शिक्षकों की गलती के कारण पास छात्र हो
गये फेल : समिति के अनुसार सैकड़ों छात्र इंटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे
अंकों से पास होते, लेकिन शिक्षकों की गलती के कारण वो फेल कर दिये गये.
स्क्रूटनी के दौरान पता चला कि जिसमें पहले 5 अंक दिये गये थे, उसकी जब
दोबारा जांच हुई, तो उसे 50 अंक दिये गये. वहीं, कई उत्तर पुस्तिकाओं में
अंकों को उलट दिये गये थे. जैसे 70 अंक आया. लेकिन, जब मार्क्स फाइल
शिक्षकों ने तैयार की, तो उस पर 07 लिख दिया गया. शिक्षकों के इस गलती से
सैकड़ों छात्र फेल हो गये.