मुजफ्फरपुर : कंप्यूटर साइंस के छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पाठ्यक्रम
शुरू करने से पहले अपने शिक्षकों से दो-तीन प्रकार की तकनीकी जानकारी पहले
से ले लेनी चाहिए अन्यथा बीच में उनकी पढ़ाई बाधित हो सकती है। कंप्यूटर
साइंस की पढ़ाई करने से पहले सर्व प्रथम इंटरनेट की कनेक्टिविटी को पूरी
तरह समझ लेनी
चाहिए। उसकी स्पीड से लेकर हर चीजों को पहले ही परख लेनी चाहिए। भारत ऑनलाइन में निदेशक, ब्रिटिश इंगलिश ऑफ कंप्यूटर्स व इग्नू के संचालक, डॉ. मनीष कुमार ने 10वीं कक्षा से लेकर स्नातक के छात्रों को टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर के स्पीड कम से कम एक एमबीपीएस होनी चाहिए। शिक्षक और छात्र, दोनों के इंटरनेट में एक या उससे अधिक स्पीड रहने पर ही सही से पढ़ाई का सकते हैं। उनका कहना है कि अगर छात्र के पास इंटरनेट के लीज लाइन कनेक्शन नहीं है तो इंटरनेट की स्पीड में थोड़ी-बहुत समस्याएं आती हैं। कनेक्टिविटी सौ से कम एमबीपीएस रहता है तो छात्र और शिक्षक दोनों को पढ़ने और पढ़ाने में परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए एस्सेल शीट, वर्ड आर्ट, पेंट फोटो, डिजाइन करने के लिए फोटो शॉप, एमएस पेंट आदि सॉफ्टवेयर के जरिए पढ़ सकते हैं। उन्होंने दो एप्लीकेशन के माध्यम से छात्रों को पढ़ाई करने की बात कही। एक ऑपरेटिंग सिस्टम तथा दूसरा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर। बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए), मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इनफॉरमेशन सिक्योरिटी (पीजीडीआइएस), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए), डिप्लोमा इन ऑफिस मैनेजमेंट (डीएमओपी), सíटफिकेट इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (सीआईटी), सíटफिकेट इन कम्युनिकेशन स्किल एंड आइटी स्किल (सीसीआईटीएस) तथा सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के कंप्यूटर के छात्राएं, आईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के कंप्यूटर के छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंटरनेट, गूगल मीट, जूम एप ,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विद्यार्थी न सिर्फ अपनी शिक्षकों से परामर्श ले सकते हैं बल्कि देश-विदेश के शिक्षकों से भी आसानी से जानकारी लेकर अपने अध्ययन को बेहतर कर सकते हैं।
लाइट पेन की सहायता से होती अच्छी पढ़ाई
लाइट पेन की सहायता से कंप्यूटर स्क्रीन पर शिक्षक के लिखने पर छात्रों के कंप्यूटर स्क्रीन पर वही शब्द दिखेगा जिसे वह लिखेंगे। लेकिन हार्डवेयर अच्छा होनी चाहिए।
मोबाइल में होना चाहिए चार जीवी रैंम
मोबाइल फोन से पढ़ने के लिए चार जीवी रैंम के साथ उसका स्क्रीन बड़ा होना चाहिए। ताकि पढ़ाई के साथ पिक्चर अच्छे से दिख सके। डॉ. मनीष ने कहा कि इंटरनेट की कनेक्टिविटी का इधर इश्यू रह रहा है। इसके कारण छात्रों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पा रही। इसको लेकर छात्र मानसिक रूप से खिन्न भी रहते हैं।
चाहिए। उसकी स्पीड से लेकर हर चीजों को पहले ही परख लेनी चाहिए। भारत ऑनलाइन में निदेशक, ब्रिटिश इंगलिश ऑफ कंप्यूटर्स व इग्नू के संचालक, डॉ. मनीष कुमार ने 10वीं कक्षा से लेकर स्नातक के छात्रों को टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर के स्पीड कम से कम एक एमबीपीएस होनी चाहिए। शिक्षक और छात्र, दोनों के इंटरनेट में एक या उससे अधिक स्पीड रहने पर ही सही से पढ़ाई का सकते हैं। उनका कहना है कि अगर छात्र के पास इंटरनेट के लीज लाइन कनेक्शन नहीं है तो इंटरनेट की स्पीड में थोड़ी-बहुत समस्याएं आती हैं। कनेक्टिविटी सौ से कम एमबीपीएस रहता है तो छात्र और शिक्षक दोनों को पढ़ने और पढ़ाने में परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए एस्सेल शीट, वर्ड आर्ट, पेंट फोटो, डिजाइन करने के लिए फोटो शॉप, एमएस पेंट आदि सॉफ्टवेयर के जरिए पढ़ सकते हैं। उन्होंने दो एप्लीकेशन के माध्यम से छात्रों को पढ़ाई करने की बात कही। एक ऑपरेटिंग सिस्टम तथा दूसरा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर। बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए), मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इनफॉरमेशन सिक्योरिटी (पीजीडीआइएस), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए), डिप्लोमा इन ऑफिस मैनेजमेंट (डीएमओपी), सíटफिकेट इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (सीआईटी), सíटफिकेट इन कम्युनिकेशन स्किल एंड आइटी स्किल (सीसीआईटीएस) तथा सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के कंप्यूटर के छात्राएं, आईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के कंप्यूटर के छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंटरनेट, गूगल मीट, जूम एप ,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विद्यार्थी न सिर्फ अपनी शिक्षकों से परामर्श ले सकते हैं बल्कि देश-विदेश के शिक्षकों से भी आसानी से जानकारी लेकर अपने अध्ययन को बेहतर कर सकते हैं।
लाइट पेन की सहायता से होती अच्छी पढ़ाई
लाइट पेन की सहायता से कंप्यूटर स्क्रीन पर शिक्षक के लिखने पर छात्रों के कंप्यूटर स्क्रीन पर वही शब्द दिखेगा जिसे वह लिखेंगे। लेकिन हार्डवेयर अच्छा होनी चाहिए।
मोबाइल में होना चाहिए चार जीवी रैंम
मोबाइल फोन से पढ़ने के लिए चार जीवी रैंम के साथ उसका स्क्रीन बड़ा होना चाहिए। ताकि पढ़ाई के साथ पिक्चर अच्छे से दिख सके। डॉ. मनीष ने कहा कि इंटरनेट की कनेक्टिविटी का इधर इश्यू रह रहा है। इसके कारण छात्रों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पा रही। इसको लेकर छात्र मानसिक रूप से खिन्न भी रहते हैं।