मधुबनी। नियोजित शिक्षकों को पे-पैकेज मामले में शिक्षा विभाग ने सुझाव आमंत्रित किया है। मुख्य सचिव अंजनी कुमार ¨सह द्वारा सुझाव आमंत्रण संबंधी सूचना प्रकाशित किए जाने पर नियोजित शिक्षक संघ के नेता भड़क गए हैं। मुख्य सचिव द्वारा प्रकाशित सार्वजनिक सूचना में उल्लेख किया गया है
कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विशेष अनुमति याचिका संख्या- 20/2018 (द बिहार सेकेंड्री टीचर्स स्ट्रगल कमेटी, मुंगेर एंड अदर्स) एवं संलग्न याचिकाओं में 29 जनवरी 2018 को पारित आदेश के आलोक में मुख्य सचिव स्तर के तीन पदाधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की जा रही है। उक्त आदेश के आलोक में उपरोक्त समिति स्थानीय निकायों के अंतर्गत नियोजित शिक्षकों के पे-पैकेज के संदर्भ में संबंधित हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) से इन्टरेक्ट करेगी और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए तथ्यों पर विचार करेगी। इस क्रम में ही सभी संबंधित हितधारकों से
शिक्षकों को वेतन देने में देर कर रहा विभाग
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सुझाव आमंत्रित किया जाता है। इच्छुक हितधारकों से मुख्य सचिव, बिहार को संबोधित करते हुए अपना सुझाव 15 फरवरी तक मुख्य सचिव, बिहार, द्वारा-सचिव, शिक्षा विभाग, विकास भवन नया सचिवालय बेली रोड, पटना के पते पर सभी संबंधित हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किया गया है। इधर नियोजित शिक्षकों के पे-पैकेज पर सभी संबंधित हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए जाने पर बिहार पंचायत, नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं देना चाहती है। इसी कारण मामले को लटकाने के लिए तरह-तरह की तरकीब का सहारा लिया जा रहा है। प्रदेश सचिव धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि सूबे में अपराध, भ्रष्टाचार, लालफीताशाही, अफसरशाही का बोलबाला है, तो फिर नीतीश सरकार आम जनता से सुझाव क्यों नहीं आमंत्रित करती है कि वे सत्ता में रहें या नहीं रहें। उन्होंने कहा कि सरकार कितना भी तिकड़म कर लें लेकिन उन्हें नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देना ही होगा।
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